प्रशासन को सूचना मिली थी कि उन्हेल स्थित खजुरिया खाल पगारिया स्टेंड मां भवानी डेयरी फार्म पर रात के समय नकली मावा तैयार किया जाता है। प्रशासन व खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने योजनाबद्ध तरीके से मंगलवार रात करीब ११.३० बजे डेयरी फार्म पर दबीश दी। मौके पर वनस्पती घी मिलाकर बड़ी मात्रा में नकली मावा बनता पाया गया। दल ने 231 किलोग्राम मावा, 17 किलो 600 ग्राम वनस्पति, 22 किलोग्राम घी, 65 लीटर दूध, 10 किलो 580 ग्राम क्रीम जब्त की है। इसके साथ ही मौके पर बनते पाए गए व 9 ट्रे में रखे हुए मावा में से 5 मावा के नमूनें, एक केन में रखी क्रीम का नमूना, 2 प्लास्टिक के टब में रखे गए घी में से घी का नमूना और प्लास्टिक के टब, प्लास्टिक की बालटी व 15 लीटर प्लास्टिक टीन में रखे वनस्पति में से नमूनें लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे हैं। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
ऐसे तैयार करते हैं नकली मावा
– पहले दूध में से क्रीम निकाल लिया जाता है।
– क्रीम निकालने के बाद सपरेटा दूध बचता है।
– बिना क्रिम के दूध में वनस्पती घी का उपयोग कर मावा तैयार किया जाता है।
– इससे मावे की लागत कई गुना कम हो जाती है जबकि ग्राहक को शुद्ध मावा बताकर ऊंचे दाम वसले जाते हैं।
– कुछ लोग मावे में से शुद्ध घी की महक लाने के लिए एसेंस का भी उपयोग करते हैं। हालांकि इस कार्रवाई में कोई एसेंस बरामद नहीं हुआ है।
हृदय के लिए खतरनाक नकली मावा
– नकली मावे का उपयोग स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।
– नकली मावा बनाने में दो प्रकार के फेट्स (मिल्क फेट व वनस्पती) मिल जाते हैं जो कि अनुचित खाद्य पदार्थ की श्रेणी में आता है।
– यही कारण है कि दो अलग-अलग प्रकार के फेट्स के मिश्रण को खाद्य सूरक्षा मानक अधिनियम में इसे प्रतिबंधित किया गया है।
– दो प्रकार के फेट्स की खाद्य सामग्री का उपयोग स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। विशेषकर हृदय रोग का बड़ा कारण बनते हैं।
पत्रिका अवेयर:
बाजार में मांग बढ़ी, सावधानी बरतें
वर्तमान में शादियों का सीजन चल रहा है। इसलिए मिठाई आदि के लिए मावे की मांग बढ़ी है। इसका फायदा उठाते हुए मिलावटखोरों द्वारा बड़ी मात्रा में बाजार में नकली मावा या अन्य मिलावटी खाद्य सामग्री सप्लाई करने की आशंका है। उन्हैल में ही यदि उक्त कार्रवाई नहीं होती तो सैकड़ो किलो मावा बाजार में सप्लाई हो चुका होता। इसलिए जरूरी है कि ग्राहक अपने स्तर पर शुद्धता की परख कर लें। साथ ही प्रशासन को भी मिलावट के खिलाफ अपनी कार्रवाई लगातार जारी रखना चाहिए।
ऐसे कर सकते हैं नकली मावे की पहलचान
– थोड़ा मावा हाथ में लेकर मसलें फिर इसे सुंघे। यदि एसेंस नहीं मिलाया गया है और मावा शुद्ध है तो इसमें से देशी घी की महक आएगी।
– थोड़ा मावा चबाकर देखें। यदि यह दांतों में चीपक रहा है तो इसके वनस्वती घी से बनाए जाने की पूरी आशंका रहती है। ऐसा मावा विशुद्ध या नकली होता है।
(जानकारी विशेषज्ञों से चर्चा के अनुसार)