भारतीय किसान संघ के बैनर तले हुए प्रदर्शन में किसानों ने बताया, दुग्ध समिति जुलाई-अगस्त से 6.20 रुपए प्रति फेट के मान से किसानों को दूध का भुगतान किया जाता था, जिसे वर्तमान में 4.80 रुपए कर दिया गया है। इससे किसानों को प्रति लीटर 8.40 से 9 रुपए का नुकसान हो रहा है।
पिछले वर्ष का दूध 800 एसएनएफ व भैंस का दूध 825 एसएनएफ था, जो अब बढ़ाकर 825 व 850 कर दिया गया है। इससे अत्याधिक किसानों का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा भी किसानों ने दूध के कम दाम मिलने का हवाला देते हुए समस्याएं गिनाईं। प्रदर्शन के दौरान कुछ किसान नेताओं ने आशंका जताई कि समिति अगले महीने से गाय का दूध खरीदना बंद करने वाली है। एेसा होने पर किसान कैसे गाय का पालन करेंगे।किसानों ने एेसी स्थिति में गायों को कोठी पर छोडऩे की चेतावनी दी। संभागायुक्त को ज्ञापन देने के बाद किसानों ने मेला कार्यालय के बाहर पुतला भी जलाया।
जवाब नहीं मिलने उखड़े किसान
किसानों का ज्ञापन लेने के लिए पहले एसडीएम अनिल बनवारिया आए, लेकिन किसानों ने संभागायुक्त को ही ज्ञापन देने का कहा। एक प्रतिनिधि मंडल संभागायुक्त से मिला और ज्ञापन लेने व किसानों की समस्या सुनने का कहा। संभागायुक्त एमबी ओझा कार्यालय से बाहर निकल किसानों से ज्ञापन लेकर लौट गए। इस पर कुछ किसान उखड़ गए। उन्होंने संभागायुक्त द्वारा ज्ञापन को लेकर कोई आश्वासन या जवाब नहीं देने पर नाराजगी जताई। इसको लेकर किसान संघ पदाधिकारी व किसानों के बीच हल्की बहस भी हो गई।