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फेलोशिप मामला:जांच समिति तय,समय-सीमा और बिन्दु नहीं

locationउज्जैनPublished: Nov 21, 2019 10:22:09 pm

Submitted by:

Shailesh Vyas

फेलोशिप भुगतान के लिए रुपए मांगने के मामले में विक्रम विश्वविद्यालय ने जांच समिति कर दी हैं। समिति को कब तक जांच कर देना हैं। जांच के बिन्दु क्या होंगे तय नहीं हैं।

Fellowship case: Inquiry committee fixed, deadline and no point

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उज्जैन. फेलोशिप के भुगतान के एवज में राशि मांगने के मामले में जांच के लिए विक्रम विश्वविद्यालय ने जांच समिति का गठन कर दिया, लेकिन जांच की समय-सीमा और बिन्दु तय नहीं किए हैं। हालांकि विवि के अधिकारियों का कहना है कि बिन्दु समिति तय करेगी और समिति को जांच जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए गए हैं। विक्रम विश्वविद्यालय के शोधार्थियों से रुपए मांगने के मामले में माधवनगर पुलिस द्वारा जांच के लिए विवि से विभिन्न जानकारी मांगे जाने के बाद विवि प्रशासन ने भी कुलपति बालकृष्ण शर्मा के निर्देश पर विभागीय जांच समिति बनाकर समिति को जल्द ही प्रकरण की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को निर्देशित किया है। कुलपति ने मामले को गंभीरता से लेकर कम्प्यूटर सेंटर के सिस्टम इंजीनियर एवं फेलोशिप के नोडल अधिकारी विष्णु सक्सेना को नोटिस जारी किया जा रहा है। इधर,माधवनगर पुलिस ने द्वारा मांगी गई 8 बिंदुओं पर जानकारी के संबंध में सहायक कुलसचिव रमेश सूर्यवंशी ने पुलिस को दो-तीन दिन में जानकारी मुहैया कराने की बात कही है। जांच समिति को लेकर कुलसचिव डीके बग्गा का कहना है कि शिकायत पत्र की जानकारी के आधार पर समिति जांच के बिन्दु का निर्धारण करेंगी। समिति को जांच जल्द करने के निर्देश दिए हैं।

ऑनलाइन लेता था भुगतान
विक्रम विश्वविद्यालय की विकास शाखा में फेलोशिप संबंधित कार्य अनाधिकृत तौर पर करने वाले सद्दाम खान मंसूरी को लेकर शिकायतकर्ता शोधार्थियों ने कई जानकारी दस्तावेत के तौर पर विवि प्रशासन को दी है। इतना ही नहीं यह सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। इसमें शोधार्थियों और मंसूरी के बीच मोबाइल पर चर्चा की रिकार्डिंग भी है। शोधार्थियों का यह भी आरोप है कि सद्दाम खान मंसूरी को राशि का भुगतान लेने में कोई भय नहीं था। इसके लिए ऑनलाइन पेमेंट से संबंधित जानकारी भी शोधार्थियों वाट्सएेप पर शेयर कर रखी थी। बैंक के कोड भी दे रखे थे। गौरतलब है कि शोध करने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से फेलोशिप के रूप में प्रतिमाह 35 हजार रुपए तक प्रदान किए जाते हैं।

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