संसदीय क्षेत्र में 4 लाख से अधिक बलाई समाज के मतदाता
अभा बलाई समाज महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार इंदौर ने कहा उज्जैन संसदीय क्षेत्र में 4 लाख से अधिक बलाई समाज के मतदाता हैं। इनकी भावनाओं का सम्मान नहीं करते हुए भाजपा ने अन्य व्यक्ति को टिकट दे दिया। इससे समाज में रोष है, यदि मालवीय को लेकर पार्टी जल्द निर्णय नहीं करेगी तो हम सड़क पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। बकौल परमार, ये मुद्दा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचा दिया गया है, जहां से आश्वासन मिला है कि वे समाज की भावनाओं का ध्यान रखेंगे।
समाजिक संतुलन भाजपा के लिए चुनौती
संसदीय क्षेत्र में प्रमुख रूप से बलाई समाज, रविदास समाज, वाल्मीकि समाज व बैरवा समाज का बाहुल्य है। सालों तक भाजपा ने रविदास समाज को प्रतिनिधित्व दिया। पिछली बार बलाई समाज के चिंतामणि मालवीय को टिकट दिया। लेकिन अब इन जातियों में से किसी को मौका नहीं मिला। अब देवास-शाजापुर आरक्षित सीट पर जातियों के बीच संतुलन बनाकर भाजपा सभी वर्गों को साधने की कोशिश में हैं।
दावेदारी पर अलग-अलग तर्क संशय बढ़ा
भाजपा से अनिल फिरोजिया का नाम तय होने के बाद अब कांग्रेस में दावेदारी के तर्क भी बदलने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार मजबूत दावेदारों में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के पुत्र नितिश सिलावट व तराना विधायक महेश परमार की बहन डॉ. सीमा परमार के नाम शामिल हैं। दोनों ही उच्च शिक्षित हैं। सिलावट खटीक समाज से हैं वहीं परमार बलाई समाज से। फिरोजिया खटीक समाज से आते हैं, एेसे में नितिश की दावेदारी के लिए समान समाज का तर्क भी दिया जाने लगा है। इसके विपरित परमार की दावेदारी मजबूत करने के लिए बलाई समाज के मतदाता अधिक होने का तर्क दिया जा रहा है। नितिश और परमार के अलावा पूर्व विधायक बाबूलाल मालवीय, जेसी बोरासी, जितेंद्र गोयल, सुरेंद्र मरमट, नरेंद्र कछवाय, जितेंद्र तिलकर, दीपक मेहरे के नाम भी दावेदारों में शामिल हैं। कांग्रेस में स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी को लेकर भी खींचतान है। नितिश सिलावट की दावेदारी प्रबल है वहीं बाहरी होने के चलते स्थानीय नेताओं में उनका विरोध भी है।