उज्जैन

साल का पहला चंद्र ग्रहण 10 को, ये रखे सावधानी

रात 10.37 बजे शुरू होगा ग्रहण, इसकी अवधि 4 घंटे से अधिक की रहेग] भारत के कुछ हिस्सों में दिखेगा

उज्जैनJan 05, 2020 / 11:58 pm

rishi jaiswal

रात 10.37 बजे शुरू होगा ग्रहण, इसकी अवधि 4 घंटे से अधिक की रहेग] भारत के कुछ हिस्सों में दिखेगा

उज्जैन. सूर्य ग्रहण का प्रभाव अभी खत्?म नहीं हुआ है और 10 जनवरी को चंद्र ग्रहण होने जा रहा है। इस ग्रहण की अवधि 4 घंटे से अधिक की रहेगी। चंद्र ग्रहण रात 10 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा और रात 2 बजकर 42 मिनट पर खत्?म होगा। इस ग्रहण के बारे में खास यह है कि इसे भारत कुछ ही हिस्सों में देखा जा सकेगा। यह वर्ष 2020 का पहला चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद इस साल में तीन और चंद्र ग्रहण होंगे। इसके अलावा दो सूर्य ग्रहण भी होंगे।
चंद्र ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले से आरंभ हो जाएगा। भारतीय समय के अनुसार 10 जनवरी की सुबह 10 बजे से यह सूतक लग जाएगा। जिस समय सूतक लगेगा उसी समय देश भर के मंदिरों के पूजा की जाएगी। इसके तुरंत बाद पट बंद कर दिए जाएंगे। वर्ष 2019 में भी चंद्र ग्रहण के समय गुरु पूर्णिमा थी। यह ग्रहण 17 जुलाई की रात को लगा था। एशियाई देशों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, सिंगापुर, फिलिपींस, मलेशिया और इंडोनेशिया के साथ ईरान, इराक, तुर्की और सऊदी अरब में भी इसे देखा गया।
ऐसे होती है यह खगोलीय घटना

चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। यह सूर्य से रोशनी प्राप्त करता है। अपनी अंडाकार धुरी पर यह एक महीने में पृथ्?वी का एक चक्कर काट लेता है। पृथ्?वी और चंद्रमा की धुरियां एक दूसरे पर 5 डिग्री का कोण बनाती हैं और दो जगहों पर काटती है। यह स्?थान ग्रंथि कहलाते हैं। चांद और पृथ्वी परिक्रमा करते हुए सूर्य की सीधी रेखा में नहीं आते हैं, यही वजह है कि पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर नहीं पड़ती। पूर्णिमा की रात में परिक्रमा करता हुआ चंद्रमा जब पृथ्वी की कक्षा के पास आ जाता है। पृथ्वी की अवस्था सूर्य व चंद्रमा के बीच एक सीध में होती है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पडऩे लगती है। इसी को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पडऩे लगती है, तो इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। चांद के संपूर्ण बिंब पर हसिया के समान काली छाया नजर आती है। इस अवस्था को आंशिक या खंड ग्रहण कहा जाता है। कुछ मौकों पर यह काली छाया चांद को पूरी तरह से ढंक लेती है। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण या खग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
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