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बाबा महाकाल के अद्र्धनारीश्वर श्रंगार छोडऩे का मामला क्यों दबा रहा प्रशासन, कलेक्टर कह रहे यह बड़ा मुद्दा नहीं है, आखिर क्या है सच, पढि़ए ये खबर….

locationउज्जैनPublished: Aug 01, 2018 12:41:56 am

Submitted by:

Lalit Saxena

बाबा के शृंगार में पांच किलो से ज्यादा भांग का किया उपयोग

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उज्जैन. श्रावण मास के पहले सोमवार को बाबा महाकाल के अद्र्धनारीश्वर का शृंगार गिरने में प्रशासनिक निर्देशों के कोताही बरतना भी सामने आया है। मंदिर समिति ने पिछले दिनों ही बाबा के शृंगार में तीन किलो से ज्यादा भांग का उपयेाग नहीं करने पर रोक लगाई थी। बावजूद इसके सोमवार को करीब 5 किलो से ज्यादा भांग से बाबा का शृंगार कर दिया गया। हालांकि कलेक्टर महज 1.5 किलो भांग के उपयोग की बात कर रहे हैं, जबकि इतने बढ़े शिवलिंग में 1.5 किलो भांग से अदर्ïनारीश्वर का शृंगार होना संभव नहीं है। दअरसल मंदिर में नियमों की अवहेलना होना सामने आया तो पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। कलेक्टर कह रहे हैं कि यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है।
महाकाल मंदिर शिवलिंग क्षरण रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से आचार संहिता तय की है। इसी के आधार पर पिछले दिनों ही शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाले भांग की मात्रा तय करते हुए 3 किलो तय की गई थी। मंदिर समिति ने बकायदा इसके निर्देश जारी किए थे।
लेकिन मंदिर में इस पर अमल ही नहीं हो रहा है। बाबा के अद्र्धनारीश्वर के शृंगार में ५ किलो से ज्यादा भांग चढ़ाई गई। इतनी मात्रा में भांग चढ़ाने पर न किसी ने रोक-टोक नहीं की। बड़ी बात यह कि जिस वक्त शृंगार हो रहा था उसका मंदिर में लाइव प्रसारण हो रहा था और मंदिर में कलेक्टर सहित आला प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। जब शृंगार गिरा तो अधिकारी मामले को दबाने में जुट गए। जबकि पूरे मामले में जांच बैठाते हुए संबंधित पुजारी व अधिकारियों से सवाल-जवाब होने थे कि शृंगार क्यों और कैसे गिरा, तय मात्रा से ज्यादा में भांग का शृंगार कैसे किया गया। वहीं मामले में दबाने के लिए महज नियमानुसार 1.5 किलो भांग उपयोग की बात कही जा रही है। सवाल उठ रहे हैं कि जब नियम का पालन हुआ तो फिर वीडियो फुटेज क्यों नहीं मुहैया करवाए गए। शृंगार गिरने के पीछे भी एक बड़ी वजह भी यही बताई जा रही है जरूरत से ज्यादा सामग्री का उपयोग कर लिया गया।
डेढ़ किलो भांग से इतना बड़ा शृंगार संभव नहीं
बाबा महाकाल के अदर््नारीश्वर शृंगार में महज 1.5 किलो भांग के उपयोग होने का दावा कलेक्टर मनीषसिंह कर रहे है। वहीं मदिर के पुजारी इसे सिरे से नकार रहे हैं। नाम नहीं छापने पर पुजारियों का कहना है कि अद्र्धनारीश्वर के शृंगार में कम से 5 से 7 किलो तक भंाग लगती है। यहां भांग पूरे शिवलिंग पर होकर पीछे तक घुमाई जाती है। भांग की लेयर ही आधा इंच के लगभग होती है। ऐसे में सिर्फ डेढ़ किलो भांग में यह संभव नहीं है।
अफसर देते हैं नियम तोडऩे के मौखिक निर्देश
मंदिर में शिवलिंग क्षरण रोकने के लिए नियमों को तोडऩे में अफसरों की और से मौन स्वीकृति भी रहती है। मंदिर सूत्रों के मुताबिक शिवलिंग क्षरण रोकने के नियम तो बना दिए हैं, लेकिन अधिकारी और पुजारियों की साठगांठ से इनका पालन नहीं हो रहा है। अर्दनारीश्वर के शृंगार में ज्यादा भांग चढ़ाने की जानकारी अधिकारियों को थी लेकिन पर्व विशेष के चलते अधिकारियों ने मौखिक रूप से स्वीकृति दे दी।
पुजारियों में चर्चा- इसलिए गिरा शृंगार
श्रावण सोमवार को बाबा महाकाल के अद्र्धनारीश्वर का शृंगार गिरने के पीछे भांग में नमी होना बताया जा रहा है। शृंगार के दौरान शिवलिंग पर भांग की लोई लेकर नीचे से ऊपर की ओर परत चढ़ाई जाती है। मंदिर के पुजारियों के बीच चर्चा है कि भांग की इसी लोई में नमी थी। ऐसे में नीचे चढ़ी भांग की परत ढीली हुई थी ऊपर से शृंगार गिर गया।
पहले भी गिरे हैं शृंगार …नहीं करते खुलासा
बाबा के शृंगार गिरने का पहला मौका है जब इसकी जानकारी सार्वजनिक हुई। मंदिर के पुजारी नाम नहीं छापने की शर्त पर बता रहे हैं कि पहले भी बाबा को किए शृंगार गिरे हैं लेकिन इसका खुलासा नहीं किया। पुजारियों के मुताबिक शिवलिंग पर लगातार जल, शहद, घी, दूघ अर्पण किए जाते हैं। ऐसे में कई बार विशेष शृंगार खराब हो जाते हैं उस समय भी दोबारा से ठीक किया जाता है।
यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है
अदर््नारीश्वर शृंगार में 1.5 किलो भांग का ही उपयोग किया गया है। चूंकि बाबा का शृंगार पुजारियों की ओर से किया जाता है इसलिए इसमें किसी तरह की जांच का सवाल नहीं। पुजारियों ने बताया है कि पहले भी शृंगार गिरा है, यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है।
– मनीषसिंह, कलेक्टर
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