उज्जैन

उज्जैन-इंदौर रेल मार्ग के पांच स्टेशन अब यूं दिखाई देगे…

20 करोड़ से संवर रहे रेलवे स्टेशन पर बनेंगे हाइराइज प्लेटफॉर्म, हजारों यात्रियों को नई सुविधाएं देने के लिए स्टेशनों का होगा आधुनिक विकास

उज्जैनAug 26, 2019 / 12:14 am

जितेंद्र सिंह चौहान

20 करोड़ से संवर रहे रेलवे स्टेशन पर बनेंगे हाइराइज प्लेटफॉर्म, हजारों यात्रियों को नई सुविधाएं देने के लिए स्टेशनों का होगा आधुनिक विकास

उज्जैन. उज्जैन-इंदौर रेलपथ दोहरीकरण प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन-देवास के बीच आने वाले 5 स्टेशनों को नए स्वरूप में संवारा जा रहा है। कभी एक सूचना पटल, शेड व सामान्य प्लेटफॉर्म तक सीमित ये स्टेशन अब आधुनिक नजर आएंगे। 20 करोड़ की लागत से इन स्टेशनों के नए भवन, टिकट घर, हाइराइज प्लेटफॉर्म सहित यहां यात्रियों के लिए जरूरी सुविधाएं व संसाधन जुटेंगे। एक साल में ये ५ स्टेशन नए रूप में तैयार हो जाएंगे। इससे उज्जैन-इंदौर मार्ग के हजारों यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी।

उज्जैन-देवास रेल मार्ग के बीच आने वाले विक्रम नगर, कड़छा, दताना, नारंजीपुर व माधौपुरा रेलवे स्टेशन को प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया जा रहा है। छोटे गांव व क्षेत्र से जुड़े इन स्टेशनों से सैकड़ों यात्री जुड़े हैं। ये अब तक अच्छे स्टेशन व रेल सुविधाओं से वंचित थे। पश्चिम रेलवे 800 करोड़ के उज्जैन-इंदौर रेलपथ दोहरीकरण के साथ इस मार्ग के स्टेशनों को भी संवारा रहा है। यह पहली बार है जब इस मार्ग के छोटे स्टेशनों में भी सभी तरह की सुविधाएं मुहैया होंगी जो मध्यम श्रेणी के स्टेशनों पर रहती हैं।
स्टेशन पर ये नई सुविधाएं मिलेंगी
– स्टेशनों पर नई बिल्डिंग, जिनमें रेलवे स्टॉफ के लिए कक्ष व स्टोर रूम।

– सुविधाजनक यात्री प्रतीक्षालय, सुविधाघर व टिकट विंडो।
– पुराने बने प्लेटफॉर्म शेड को भी सुधारा जा रहा है।
– नए पटरी सिग्नल व एक-एक फुट ओवर ब्रिज निर्माण।
– कुछ में ट्रेन समय सारिणी के लिए स्वचलित बोर्ड।

ट्रेन की सीढि़यों से चढऩे का झंझट खत्म
अब तक छोटे स्टेशनों पर निर्धारित ऊंचाई वाले प्लेटफॉर्म नहीं थे। यहां यात्रियों को ट्रेन में लगी लोहे की सीढि़यों के सहारे ट्रेन में चढऩा पड़ता था। लेकिन अब इन सभी स्टेशनों पर 600 एमएम ऊंचाई के हाइराइज प्लेटफॉर्म निर्मित किए जा रहे हैं। इससे आम स्टेशनों की तरह यहां भी यात्री इस आसानी से ट्रेन में चढ़ सकेंगे।
देवास-इंदौर के बीच धीमा काम
पथ दोहरीकरण प्रोजेक्ट में इंदौर मार्ग तक आने वाले सभी स्टेशनों का विकास किया जाना है। देवास तक बन रहे स्टेशनों का काम तो अच्छी स्थिति में है। लेकिन देवास-इंदौर के बीच वाले स्टेशनों का काम धीमा है। कुछ जगह तो काम शुरू ही नहीं हो सके। एेसें में इस प्रोजेक्ट का पूरा लाभ मिलने में और विलंब होगा। दो भागों में काम होने से विभागीय नियंत्रण भी अलग है।
इनका कहना

उज्जैन-इंदौर रेलपथ दोहरीकरण प्रोजेक्ट के साथ इस मार्ग पर आने वाले स्टेशनों का विकास किया जा रहा है। इससे इन क्षेत्रों से जुड़े रेल यात्रियों को काफी सुविधाएं मिलेगी।
जेके जयंत, पीआरओ, पश्चिम रेलवे

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