यह निर्णय नवगठित मंदिर समिति की हाल ही में हुई बैठक में लिया गया। कार्यालय में एसडीएम जगदीश मेहरा की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें समिति ने 11 बिंदुओं पर मंथन किया। मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा हुई। प्रबंधक भगवती शर्मा के अनुसार चिंतामण गणेश मंदिर विवाह के लिए प्रसिद्ध है। यहां पाती के लगन भी लिखाए जाने की सुविधा है। ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा देशभर से लोग आकर शादी ब्याह कार्यक्रम संपन्न करते हैं। ग्राम पंचायत द्वारा इसका पंजीयन किया जाता है। पूजन आदि के खर्च को देखते हुए 4100 रुपए शुल्क तय किया गया है। रसीद के लिए मंदिर परिसर में ही कार्यालय खोलने व विवाह संबंधी दिशा-निर्देश लिखने, कार्यालय में ग्राम पंचायत सचिव को बैठाने आदि की भी व्यवस्था की जाएगी।
पुजारी पहनेंगे लाल व केसरिया सोला
चिंतामण गणेश मंदिर के पंडे-पुजारी अब लाल व केसरिया रंग का सोला पहनेंगे। वहीं गर्भगृह के बाहर परिक्रमा स्थल पर रक्षासूत्र बांधने के लिए बैठने वाले पंडे सफेद धोती-कुर्ता में नजर आएंगे। बाहर पार्किंग व दुकानों के आसपास से अतिक्रमण हटाने का निर्णय भी लिया है।