निरंजनी अखाड़े की पहल
निरंजनी अखाड़े की पहल पर चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर माता को मदिरा का भोग लगाया गया। निरंजनी अखाड़े महंत रवींद्रपुरी महाराज ने माता को मदिरा की धार चढ़ाई। सुबह ८ बजे पूजन शुरू किया गया। इसके साथ २६ किमी यात्रा कर भैरव और माता के मंदिरों का पूजन कर मदिरा की धार चढ़ाई गई। महंत रवींद्रपुरी ने बताया कि राजा विक्रमादित्य द्वारा माता को मदिरा की धार चढ़ाई जाती थी। गुड़ी पड़वा से विक्रमोत्सव आरंभ होता है। बड़ी नवरात्रि भी चैत्र की ही मानी जाती है। इसलिए इस प्रथा को इस वर्ष से आरंभ किया गया है। जो कि प्रतिवर्ष मनाई जाएगी।
संत बालीनाथ की समाधि राष्ट्रीय स्मारक घोषित, उज्जैन से भी पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
उज्जैन. बैरवा समाज के संत श्री श्री 1008 बाली नाथ ? महाराज की समाधि स्थल मंडावरी राजस्थान सरकार द्वारा 23 मार्च को एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें समाधि को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया। इस अवसर पर पूरे देश से बैरवा समाज व उनके अनुयाई उपस्थित हुए। 21०० कलश लेकर महिलाओं ने चल समारोह की शोभा बढ़ाई। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं। बैरवा समाज का प्रतिनिधि मंडल भी शामिल हुआ। इसमें बैरवा कांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी विश्व प्रेमी पूर्व महापौर मदनलाल ललावत, वरिष्ठ सेवी चंद्रभानसिंह सिसौदिया गंगाराम मरमट, राजेंद्र मैहर, मुकेश तंवर, बैरवा क्रांति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जया तिलकर, गीता नागवंशी, सहित बैरवा समाज के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
वराहमिहीर जन्मोत्सव पर इतिहास परिचर्चा एवं पुस्तक का विमोचन
उज्जैन. आचार्य वराहमिहीर के त्रिदिवसीय जन्मोत्सव के तहत रविवार को ग्राम कायथा में आचार्य वराह मिहीर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा कायथा नगर के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक विषय पर इतिहास परिचर्चा की गई। मालवा प्रांत इतिहास संकलन समिति एवं मिहीर विचार क्रांति मंच कायथा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माधव विज्ञान कॉलेज के गणित विभाग के विभागाध्याक्ष डॉ. वींरेंद्र कुमार गुप्ता ने आचार्य वराहमिहीर की वृहत संहिता में त्रिकोणमितिय सूत्र, भू-जल प्राप्त करने की विधि, जैविक खाद्य बनाने की विधि बीज को उपचारित करने की विधि जानी। अध्यक्षीय उद्बोधन में विभाग प्रचारक आरएसएस विनय दीक्षित ने कहा कि भारतीय इतिहास को वास्तविक स्वरूप में बताए जाने की बहुत आवश्यकता है। संचालन डॉ. अंजना गौर ने किया। संगठन सचिव आशीष नाटानी ने बताया कि इस मौके पर १० शोद्य पत्रों का वाचन किया गया तथा इतिहास प्रवाह पत्रिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. प्रीति पांडे, डॉ. एकता व्यास, ध्रुवेंद्रसिंह जोधा, प्रबोध पंडया, वासुदेव पाण्डे, मांगीलाल रुपायला सहित अन्य मौजूद थे।