महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की एक विशेष बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में दर्शन को लेकर कुछ अहम फैसले लिए गए। महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल से आने वाले दर्शनार्थियों को 100 रुपए की रसीद नहीं कटाना होगी। फिलहाल 100 रुपए की व्यवस्था को हटाया जा रहा है। इसमें संशोधन यह किया गया है कि प्रतिदिन प्रोटोकॉल से आने वाले की संख्या निर्धारित रहेगी। यदि इससे अधिक दर्शनार्थी आते हैं, तो उन्हें 250 रुपए की शुल्क वाली रसीद कटाना होगी।
अब प्रोटोकाल सुविधा के लिए भस्म आरती की तर्ज पर प्रतिदिन दर्शन के लिए निश्चित श्रद्धालु नि:शुल्क दर्शन करेंगे। पुजारी, पुरोहित की 1500 की जलाभिषेक रसीद से दिन में 3 बार अर्थात प्रात: दोपहर व शाम के निर्धारित समय में गर्भगृह में प्रवेश हो सकेगा। सप्ताह में चार दिन अर्थात मंगलवार, बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार को दोपहर 01 से 04 बजे के दौरान आमजन गर्भगृह में नि:शुल्क दर्शन का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। शेष समय भीड़ कम होने पर भी गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा। सुरक्षा को प्राथमिकता देकर व्यवस्थाएं की जाएंगी।
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इन बिंदुओं पर भी चर्चा
मंदिर के कर्मचारी महंगाई संबंधी मांग पर सहमति बनी, जिसमें प्रत्यक्ष वृद्धि न होकर मंहगाई इंडेक्स अनुसार वृद्धि की जाएगी।
कलेक्टर ने आम श्रद्धालुओं के लिए भी सुरक्षा के दृष्टिगत गर्भगृह से दर्शन हेतु निर्देश दिए।
शिवरात्रि पर मंदिर समिति द्वारा कोटितीर्थ कुंड, ओंकारेश्वर के सामने प्रांगण व विभिन्न तय स्थानों पर 51 हजार दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे।
शयन आरती भक्त मण्डल के सहयोग से दीप प्रज्वलित का आयोजन होगा।
महंत, पुजारी और पुरोहितों की मृत्यु और परिजन के पुर्ननियुक्ति के बीच के समय का रुपया (मानदेय) मिलने पर विचार ।