7 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी
महाकालेश्वर मंदिर को भारत सरकार द्वारा स्वच्छ आइकॉनिक स्थल घोषित करने बाद नर्मदा हाइड्रो इलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा नवंबर 2017 में करीब 7 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। इसके माध्यम से मंदिर के विभिन्न क्षेत्र के आधुनिकीकरण के कार्य होने के साथ ही मंदिर के सीवरेज प्लांट, लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी शामिल थी। एनएचडीसी की ओर से सीएसआर की पहली किस्त में 4 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। इसी राशि से अन्नक्षेत्र के लिए मशीने और अन्य संसाधन आ गए हैं। इसके माध्यम से अन्नक्षेत्र तो हाइटेक होगा, साथ ही साफ.-सफाई की व्यवस्थाओं का संचालन भी बेहतर तरीके से होगा।
जल्द ही स्थापित होगी मशीन
अन्नक्षेत्र में आटा गूंथने, लोई और रोटी को तवे पर सिकाई के तक ले जाने का काम मशीन से होगा। सब्जी को धोने और काटने के लिए भी सेवक की आवश्यकता नहीं रहेंगी। आधुनिक गैस चूल्हा तवा तो है। भोजन परोसने के लिए ट्राली, बर्तन रखने के लिए स्टैंड, पीने के पानी के लिए आरओ वाटर सिस्टम, वॉशबेसिन के अलावा फुल साइज बड़ा डबल डोर रेफ्रिजरेटर आ गए हैं। इनके और अन्य संसाधनों के आने से महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र हाइटेक हो जाएगा। एनएसडीसी ने अन्नक्षेत्र में लगाया जाने वाला सामान पहुंचाया है। अन्नक्षेत्र में मशीनों को व्यवस्थित स्थापित करने और इनकी कार्यपद्धति समझाने के लिए संबंधित कंपनी के इंजीनियर आने वाले हैं। जल्दी है इंजीनियर द्वारा मशीन और संसाधन अन्नक्षेत्र में लगाकर कार्य शुरू किया जाएगा। अन्नक्षेत्र में कार्यरत सेवको को इसके संचालन की जानकारी प्रशिक्षण भी दिया जाएंगा। गौरतलब है कि महाकालेश्वर मंदिर परिसर में महाकाल धर्मशाला के साथ ही नि:शुल्क अन्नक्षेत्र का संचालन भी किया जाता है। मंदिर दर्शन के लिए आने वाले हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन अन्नक्षेत्र में नि:शुल्क भोजन का लाभ लेते हैं।