बाबा महाकाल की नगरी में उनके पुत्र गजानन का दस दिवसीय गणेश उत्सव पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया कि महाकाल मंदिर के समीप स्थित बड़े गणेश मंदिर में दोपहर 12 बजे जन्म आरती की जाएगी। क्योंकि गणपतिजी का जन्म मध्याह्न में हुआ था। जिस प्रकार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रात 12 बजे मनाया जाता है, उसी प्रकार गणपतिजी का जन्मोत्सव भी दोपहर 12 बजे मनाया जाना चाहिए।
चिंतामण गणेश मंदिर में सजावट
शहर से 7 किमी दूर स्थित श्रीचिंतामण गणेश मंदिर में भी सजावट और आकर्षक रोशनी की जा रही है। पुजारी गणेश गुरु व संतोष गुरु ने बताया कि सुबह 5 बजे चोला शृंगार किया जाएगा। इसके बाद दिन में जन्म आरती होगी। मोदक, दुर्वा और मोतीचूर के लड्डुओं का भोग बाबा को अर्पण किया जाएगा।
सिद्धि विनायक को सवा लाख मोदकों का भोग
महाकाल मंदिर प्रांगण स्थित श्रीसिद्धि विनायक गणेश मंदिर के पुजारी भरत गुरु व दिलीप उपाध्याय (चमु गुरु) ने बताया कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। साथ ही यहां सवा लाख मोदकों का भोग भगवान गणपतिजी को लगाया जाएगा।
ढोल-ढमाकों के साथ विराजेंगे बप्पा
रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्री गणेश घर-घर विराजेंगे। बाजारों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं बहुतायत में बिकने को तैयार हैं। शुभ मुहूर्त में घरों व प्रतिष्ठानों में बप्पा की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। शहर में करीब 500 जगह पंडालों में गणेश की आराधना का दस दिवसीय उत्सव शुरू होगा।
सर्व मराठी समाज में सामूहिक गणेशोत्सव
सर्व मराठी समाज इस वर्ष से गणेशोत्सव का आयोजन करेगा। समाज की बैठक में बताया गया कि सामूहिक गणेशोत्सव में समाज के राजेन्द्र मोकाटे के निवास पर गणेशजी की स्थापना की जाएगी। बैठक में समाज की मासिक पत्रिका के सदस्यता अभियान चलाए जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में भास्कर राव भागवत, विजय घाटे, गजानन आवलेकर, नरेन्द्र माकोड़े, राजेन्द्र मोकाटे, जनार्दन सूर्यवंशी, राजाराम लाम्बोड़े, कृतिका आरकट, दीपक माकोड़े,रमेश भुल्लोड़े, सुधीर वराड़े, संजय गाढ़वे, संजय कावलकर, कमलेश भोपाळे, हेमन्त भोपाळे मौजूद थे।