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video : गणेशोत्सव : दस दिन मेहमानी करने को तैयार हैं मंगलमूर्ति की प्रतिमाएं, सज गए बाजार

locationउज्जैनPublished: Sep 11, 2018 09:02:31 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

बाजार में दुकानों पर मंगलमूर्ति की आकर्षक प्रतिमाएं सभी को लालायित कर रही हैं।

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उज्जैन. देवों में प्रथम पूज्य, रिद्धि-सिद्धि के प्रदाता, सुख-सौभाग्य और मंगल के दाता गौरी पुत्र गणेश 13 सितंबर को घर-घर विराजमान होंगे। बाजार में दुकानों पर मंगलमूर्ति की आकर्षक प्रतिमाएं सभी को लालायित कर रही हैं। पीओपी के साथ ही मिट्टी के गणेश भी अपने भक्तों के यहां दस दिन की मेहमानी करने को बेताब हैं। प्रतिमाएं भी ऐसी कि देखते ही खरीदने का मन करे। कोई पालने में झूल रहे तो कोई अलग ही वेशभूषा में भक्तों को रिझा रहे। गणेशोत्सव के इन दस दिनों में जहां मंदिरों और घरों में पूजा-आराधना का दौर चलेगा, वहीं पंडालों में सांस्कृतिक उत्सव और रंगारंग कार्यक्रमों की बहार छाई रहेगी।

कहां-कहां मिल रही प्रतिमाएं
शहर में वैसे तो कई स्थानों पर भगवान गणेश की प्रतिमाएं बिक रही हैं, लेकिन आगर रोड पर कोयला फाटक चौराहा, फ्रीगंज, गोपाल मंदिर, छत्री चौक, पुराना नगर निगम परिसर आदि स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं की दुकानें सज गई हैं।

प्रतिमाओं की कीमतों में उछाल
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार गणेश प्रतिमाओं की कीमतों में उछाल आया है। व्यापारियों का कहना है कि इस बार 250 से लेकर 5 से 8 हजार तक की मूर्तियां पीओपी की बिक रही हैं, वहीं मिट्टी के गण्ेाश की प्रतिमाओं की कीमतों में भी आंशिक वृद्धि हुई है।

हार-फूल और प्रसाद के दाम भी बढ़े
बप्पा को प्रतिदिन हार-पुष्प अर्पित होंगे और मोदक-लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा, लिहाजा बाजार में केले, सेवफल, अनार, पेड़े, मोतीचूर के लड्डू, मावा कतली, बफी व अन्य वस्तुओं की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। साथ ही पूजन सामग्री और नारियल आदि की कीमतें भी बढ़ी हैं।

सजने लगे पंडाल, बस बप्पा का इंतजार
बाबा महाकाल की नगरी में उनके पुत्र गजानन का दस दिवसीय गणेश उत्सव पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। चौराहों और गलियों में पंडाल सजने लगे हैं। मुख्य चौराहों पर इस बार भी आलीशान प्रतिमाएं विराजमान होंगी। साथ ही आयोजन स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।

दोपहर 12 बजे होगी जन्म आरती
ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया कि महाकाल मंदिर के समीप स्थित बड़े गणेश मंदिर में दोपहर 12 बजे जन्म आरती की जाएगी। क्योंकि गणपतिजी का जन्म मध्याह्न में हुआ था। जिस प्रकार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रात 12 बजे मनाया जाता है, उसी प्रकार गणपतिजी का जन्मोत्सव भी दोपहर 12 बजे मनाया जाना चाहिए।

चिंतामण गणेश मंदिर में सजावट
शहर से 7 किमी दूर स्थित श्रीचिंतामण गणेश मंदिर में भी सजावट और आकर्षक रोशनी की जा रही है। पुजारी गणेश गुरु व संतोष गुरु ने बताया कि सुबह 5 बजे चोला शृंगार किया जाएगा। इसके बाद दिन में जन्म आरती होगी। मोदक, दुर्वा और मोतीचूर के लड्डुओं का भोग बाबा को अर्पण किया जाएगा।

सिद्धि विनायक को सवा लाख मोदकों का भोग
महाकाल मंदिर प्रांगण स्थित श्रीसिद्धि विनायक गणेश मंदिर के पुजारी भरत गुरु व दिलीप उपाध्याय (चमु गुरु) ने बताया कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। साथ ही यहां सवा लाख मोदकों का भोग भगवान गणपतिजी को लगाया जाएगा।

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