शहर के कुछ प्रमुख उद्यानों में कहीं लकड़ी के टुकड़े तो कहीं खाली ड्रम व लकड़ी से बनी कुर्सियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं। नगर निगम द्वारा थ्री आर अंतर्गत यह नया प्रगोग किया गया है। इससे उद्यान में आने वाले लोगों को बैठने व कुछ समय आराम करने के लिए जगह मिल रही है वहीं पार्क की खूबसूरती भी बढ़ रही है। दरअलस आंधी-तुफान के कारण कई वृक्ष धराशायी हो जाते हैं वहीं निगम को आवश्यकतानुसार भी वृक्षों की कटाई करना पड़ती है। यह वृक्ष निगम के उद्यानिकी विभाग अंतर्गत जमा होते हैं। अब तक इन वृक्षों का उपयोग अमूमन जलाऊ लकड़ी के लिए ही होता था लेकिन निगम अब इन्हें विभिन्न तरीकों से री-यूज कर रहा है। नई पहल करते हुए अब इन वृक्षों के टुकड़ों से कुर्सी सोफे तैयार कर उद्यानों में रखे जा रहे हैं जिससे लोगों को बैठने की सुविधा मिल पा रही है। उद्यानिकी विभाग प्रभारी विधु कौरव ने बताया कि जनसुविधा व सौंदर्यीकरण की दृष्टि से उद्यानों में लकड़ी से बनी कुर्सीयां स्थापित की जा रही है।
सोशल डिस्टेंस का भी हो रहा पालन
लकड़ी के गुटकों से इस तरह की कुर्सियां बनाई जा रही हैं जिस पर एक व्यक्ति बैठ सकता है। इन कुर्सियों को भी 5-8 फीट के अंतराल पर रखा जा रहा है। इससे उद्यान में सोशल डिस्टेंस का भी पालन हो रहा है।
न्यूनतम खर्च, संधारण भी नही
निगम की इस जुगाड़ का बड़ा फायदा खर्च में बचाव को लेकर भी है। पूर्व से लकडृी उपलब्ध होने के कारण काफी कम लागत पर इनसे कुर्सियां तैयार हो रही है। इन्हें लगाने में भी किसी प्रकार का खर्च नहीं है। साथ ही टूृट-फूट आदि झंझट नहीं होन से संधारण पर भी कोई खर्च नहीं होगा। लकड़ी से बने होने के कारण यह उद्यानों में पर्यावरण का ही हिस्सा नजर आते हैं।