उज्जैन

सरकार का दावा : १५ अक्टूबर किसानों के खातों में पहुंची जाएंगी राहत की बूंदें

50 फीसदी फसल बर्बाद, ८ से ३० हजार प्रति हेक्टेयर मुआवजा देगी सरकार, प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया इतना नुकसान, अब राजस्व-कृषि टीम कर रही मैदानी सर्वेक्षण

उज्जैनSep 24, 2019 / 12:16 am

rishi jaiswal

50 फीसदी फसल बर्बाद, ८ से ३० हजार प्रति हेक्टेयर मुआवजा देगी सरकार, प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया इतना नुकसान, अब राजस्व-कृषि टीम कर रही मैदानी सर्वेक्षण

उज्जैन. अतिवृष्टि व बाढ़ के चलते उज्जैन जिले में ५० फीसदी फसल बर्बाद होने का प्रशासनिक अनुमान है। सभी तहसीलों में कराए नजरी सर्वेक्षण में यह स्थिति सामने आई। इसी आधार पर सरकार को प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी गई है। अब राजस्व, कृषि, बीमा कंपनी प्रतिनिधि खेतों की नब्ज टटोलेंगे। इस आधार पर वास्तविक रिपोर्ट बनाई जाएगी और इसी अनुपात में किसानों को मुआवजा मिलेगा। सरकार ने प्रति हेक्टेयर ८ से ३० हजार रुपए तक मुआवजे के प्रावधान किए हैं। साथ ही पशुधन हानि, मकान क्षतिग्रस्त होने सहित अन्य नुकसानी पर भी सरकार प्रभावितों को क्षतिपूर्ति देगी। इसके लिए १५ अक्टूबर की डेडलाइन दी गई है। दावा है कि इस अवधि तक सभी के खातोंं में राहत राशि पहुंच जाएगी।
सितंबर में हुई भारी बारिश से जिले में सर्वाधिक नुकसान सोयाबीन फसल को हुआ है। यही मालवा की मुख्य फसल है। इसके अलावा मक्का, उड़द फसलों को भी ४० से ४५ प्रतिशत तक का नुकसान पहुंचा है। अब पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, बीमा कंपनी प्रतिनिधियों के दल खेतों में पहुंचकर नुकसानी का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देंगे। सभी विकासखंडों में यह काम शुरू हो गया है। कलेक्टर शशांक मिश्र के अनुसार सभी दलों को त्वरित सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा है। इस काम मेंं कोई कोताही नहीं हो इसके लिए अनुविभागीय अधिकारियों को निरंतर देखरेख करने के निर्देश दिए है। तय समयसीमा से पहले राहत राशि संबंधितों को देने का प्रयास है।
राहत राशि के लिए यह होगा
राजस्व, कृषि, बीमा कंपनी की टीम ने सर्वेक्षण शुरू कर दिया है।
हर खेत के फोटो लिए जाएंगे और मौके पर पंचनामा बनेगा।
तय प्रारूप में नुकसानी प्रतिशत दर्ज किया जाएगा।
इस रिपोर्ट पर जहां जितनी फसल चौपट हुई उतना मुआवजा दिया जाएगा।
इसके बाद जब फसल कटाई होगी तब किसानों को बीमा क्लेम की राशि मिलेगी।
सर्वेक्षण करने व रिपोर्ट बनाने को लेकर पटवारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
मुआवजा के लिए श्रेणी तय, बिजली बिल में मदद
2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले और 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों की सिंचित-असिंचित भूमि में 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर ८ से लेकर 26 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा।
50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर विभिन्न फसलों के लिए 16 हजार से लेकर 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाएगा।
प्रभावित किसानों के खातों में 15 अक्टूबर तक राशि पहुंचेगी। यह भरोसा सीएम कमलनाथ ने नीमच में दिया।
बाढ़ से प्रभावित लोगों को बिजली बिलों में राहत दी जाएगी। नया सवेरा योजना के पात्र परिवारों के 3 माह के बिजली बिल माफ होंगे। उनके 300 रुपए के बिजली बिलों को सरकार चुकाएगी। जो योजना में पात्र नहीं होंगे, एेसे परिवारों के बिजली बिल में 1000 रुपए की राशि सरकार देगी।
क्षतिग्रस्त मकानों के लिए प्रति मकान एक लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। जिनके पूरे मकान नष्ट हो गए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना में राशि दी जाएगी।
गाय, भैंस, ऊंट की हानि पर 30 हजार तक और भेड़-बकरी की हानि होने पर 3 हजार प्रति पशु देंगे।
बारिश के कारण नहीं काट पा रहे सोयाबीन फसल
नरवर ञ्च पत्रिका. सोयाबीन पककर तैयार है, लेकिन बारिश की वजह से किसान नहीं काट पा रहे हैं। सोयाबीन पककर सूख गई है। लेकिन लगातार हो रही बारिश सेे किसान अपनी बर्बाद होती फसल को संभालने में लाचार हैं। कई जगह सोयाबीन सडऩे लगी है। अगर कुछ समय ऐसी ही बारिश होती रही तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। वर्तमान में खेतों में पानी भरा होने से ना तो मशीनें खेतों में जा पा रही है और ना ही किसानों के पास इतनी पर्याप्त जगह है कि वह फसल कटवाकर सुरक्षित स्थान पर रख सके।
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