आंवा की संख्या- 381
उम्र बालिकाएं बालक
0-6 माह 2031 1978
6 माह से 3 वर्ष 9510 9778
3 से 6 वर्ष 11053 11151 गंदगी का त्रास झेल रही कई आंगनवाडिय़ां
आंगनवाड़ी संचालन में स्थान को प्राथमिकता देना चाहिए थी, लेकिन अफसरों की नजरअंदाजी का आलम यह है कि शहर की कई आंगनवाडिय़ां संकरी गलियों में संचालित हो रही है। कुछ आंगनवाडिय़ां तो गंदगी के बीच चल रही है, जहां आने वाले जरा-जरा से बच्चे बीमारी का शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य जांच के नाम पर भी अधिकांश आंगनवाडिय़ों में कागजी खानापूर्ति चल रही है।
मक्सी रोड स्थित एक आंगनवाड़ी देशी शराब दुकान व अहाते के पीछे संचालित हो रही थी, जहां आने वाले बच्चों को शराब की बदबू और नशाखोरों के मुंह से निकले वाले अपशब्द झेलना पड़ रहे थे। पत्रिका पड़ताल में जब यह सामने आया और समाचार प्रकाशित हुआ तो तत्काल शराब दुकान की जगह बदली और बच्चों को इससे निजात मिल सकी।
शहर में संचालित आंगनवाडिय़ों में कुछ की स्थिति 15 से 20 बच्चों की उपस्थिति से चहलकदमी वाली दिखी तो कुछ में दो-चार बच्चे ही नजर आए। कुछ की स्थिति तो खाली मिली, जहां की सहायिकाओं का कहना था कि आज बच्चे जल्दी चले गए।
मैं अपाको क्या बताऊं, मैं तो बस ऑर्डिनेटर हूं। अभी वैसे भी चुनाव में व्यस्त हूं। आप डीपीओ सर से बात कर लिजिए।
–गुरुदत्त पांडे, उप संचालक महिला बाल विकास इधर जिला कार्यक्रम अधिकारी(डीपीओ) गौतम अधिकारी के दोनों नंबर बंद मिले।