scriptनोटबंदी के फैसले से कंगाल हुए कश्मीर में पत्थरबाज, नहीं पहुंच रहा हवाले का पैसा | effects on stone pelters of kashmir after 500 rs and 1000 rs note ban | Patrika News

नोटबंदी के फैसले से कंगाल हुए कश्मीर में पत्थरबाज, नहीं पहुंच रहा हवाले का पैसा

locationउज्जैनPublished: Nov 14, 2016 10:10:00 am

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कश्मीर में सेना पर पत्थर बरसाने वाले अलगाववादियों के लिए भी यह फैसला किसी बड़े सदमे से कम नहीं है। इससे पत्थरबाजों के आकाओं को तगड़ा झटका लगा है।

इंटेलिजेंस ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री द्वारा एक हजार व पांच सौ रुपए के नोटों को अचानक बंद करने के फैसले से हवाला कारोबार में जबर्दस्त गिरावट आई है। आंकड़ों पर गौर करें तो यह अवैध कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसमें 80 फीसदी तक की गिरावट दर्ज हुई है। 
वहीं कश्मीर में सेना पर पत्थर बरसाने वाले अलगाववादियों के लिए भी यह फैसला किसी बड़े सदमे से कम नहीं है। इससे पत्थरबाजों के आकाओं को तगड़ा झटका लगा है। 

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन दिनों में खाड़ी देशों से कश्मीर घाटी में एक भी हवाला ट्रांजेक्शन सामने नहीं आया है। इन दिनों खुफिया एजेंसियां की ऐसे लेनदेन पर कड़ी नजर है।
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क्या होगा असर

बड़े नोट बंद करने से हवाला कारोबारियों, अलगाववादियों तथा आतंकवादियों के खजाने पर सीधी चोट पहुंची है। इस पैसे का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता था और बेनामी रकम देश को नुकसान पहुंचाने में इस्तेमाल होती थी। 
नोट बंद करने के फैसले से यह रकम बेकार हो गई। अब न तो आतंकवादी करोड़ों रुपए लेकर बैंकों में जा सकते हैं और न हवाला कारोबारी इसे वित्तीय संस्थाओं को सुपुर्द कर सकते हैं। हालांकि वे इसका कोई उपाय ढूंढऩे में लगे हैं। 
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हवाला ऑपरेटर हुए अंडरग्राउंड

गृह मंत्रालय को सौंपी एक रिपोर्ट में आईबी ने कहा है कि 8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और मुंबई में हवाला ऑपरेटर्स अंडरग्राउंड हो गए हैं। नोटबंदी से ऑपरेटर्स के अंडरग्राउंड होने के चलते मनी लॉन्ड्रिंग थम-सी गई है।
रिपोर्ट कहती है, कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की कार्रवाई से हवाला कारोबारियों में खौफ है। हवाला ऑपरेटर्स कालाधन लेने से घबरा रहे हैं। आयकर विभाग के सर्वे में भी यह सच सामने आया है।
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