क्या है व्रत की विधि
– इस दिन महिलाएं निर्जल (बिना कुछ खाए-पीए) रहकर व्रत करती हैं। इस व्रत में बालू रेत से भगवान शंकर व माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर पूजन किया जाता है। घर को साफ-स्वच्छ कर तोरण-मंडप आदि से सजाएं। एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सखी की आकृति (प्रतिमा) बनाएं।
– प्रतिमाएं बनाते समय भगवान का स्मरण करें। देवताओं का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन करें। व्रत का पूजन रातभर चलता है। महिलाएं जागरण करती हैं और कथा-पूजन के साथ कीर्तन करती हैं। प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव को सभी प्रकार की वनस्पतियां जैसे- बिल्व-पत्र, आम के पत्ते, चंपा के पत्ते एवं केवड़ा अर्पण किया जाता है। आरती और स्तोत्र द्वारा आराधना की जाती है।
– भगवती-उमा की पूजा के लिए ये मंत्र बोलें –
ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धापयै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:
– भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें-
ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:
– पूजा दूसरे दिन सुबह समाप्त होती है, तब महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं और अन्न ग्रहण करती हैं।
सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर में उमड़ेगा सैलाब
उज्जैन में 84 महादेवों में 61वें क्रम पर एक मंदिर है, जिसे सौभाग्येश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर पटनी बाजार में है। यहां हरतालिका तीज पर्व पर प्रतिवर्ष हजारों महिलाएं और युवतियां पूजन करने पहुंचती हैं। मंगलवार रात 10.30 बजे से पंचामृत पूजन के बाद दर्शन का सिलसिला आरंभ होगा, जो 12 सितंबर बुधवार की रात 12 बजे तक चलेगा। श्रीसौभाग्येश्वर नवयुवक मंडल ने पुलिस प्रशासन और नगर निगम से पुख्ता इंतजाम की मांग की है। पुजारी पं. प्रवीण पंड्या, राजेश पंड्या एवं संयोजक संजय बांठिया ने बताया कि प्रशासन के साथ यातायात पुलिस से भी बैरिकेड्स व व्यवस्था बनाने की मांग की है।