नृसिंहघाट व लालपुल के बीच कर्कराज मंदिर स्थित है। मंदिर के पीछे खाली भूमि उपलब्ध है। इस शिवरात्रि पर उक्त भूमि पर ही श्रद्धालुओं के लिए पारकि व्यवस्था की गई थी। इससे पूर्व तत्तकालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंदिर आगमन को लेकर भी उक्त भूमि पर ही अस्थायी हैलीपेड बनाया गया था। उक्त स्थान से महाकाल मंदिर की दूरी एक किलोमीटर से भी कम है वहीं इस रूट पर आम ट्रैफिक नहीं रहता है। ऐसे में यहां से मंदिर तक पहुंच काफी सुलभ है।
बाबा महाकाल के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगाता बढ़ती जा रही है। वर्तमान में करीब 700 करोड़ रुपए से मंदिर क्षेत्र का विस्तार व विकास भी किया जा रहा है। यह कार्य पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या के साथ वीवीआइपी मुवमेंट भी और बढ़ जाएगा। कुछ वर्ष बाद सिंहस्थ का भी आयोजन होना है। ऐसे में अब मंदिर के नजदीक ही हैलीपेड की आवश्यकता महसूस हो रही है।
पत्रिका ने शहर की इस जरूरत को प्रमुखता से उठाया था। हाल ही में मंदिर प्रशासन में कलेक्टर आशीषसिंह को मंदिर के नजदीक हैलीपेड व अन्य जनसुविधा का जरूरत दर्शाते हुए प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव पर कार्य भी शुरू हो गया है। प्रोजेक्ट के लिए जमीन की आवश्यकता, स्थान का चयन, भूमि सर्वे, कितनी भूमि अधिग्रहण की जरूरत होगी, कुल खर्च आदि बिंदुओं की स्थिति स्पष्ट होने के बाद प्रशासन योजना की स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजेगा।
हैलीपेड के साथ पार्किंग व धर्मशाला भीः मंदिर के नजदीक हैलीपेड बनाने के प्रस्ताव में धर्मशाला व पार्कि को भी शामिल किया गया है। प्रस्ताव अनुसार जहां हैलीपेड बनाया जाएगा, उसके साथ ही एक धर्मशाला बनाई जाएगी ताकि वहां ठहरने की सुविधा मिल सके। साथ ही पार्किा सुविधा भी विकसित की जाएगी ताकि पर्व विशेष पर इसका उपयोग किया जा सके। हालांकि वीवीआइपी मुवमेंट होता है तो आम लोगों के लिए उक्त स्थान पर वाहन पारी व्यवस्था मुश्किल हो सकती है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि श्री महाकालेश्वर मंदिर के नजदीक हैलीपेड निर्माण के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इसके साथ धर्मशाला व पार्कि सुविधा विकसित करने का भी प्रस्ताव है। इस संबंध म॑ भूमि सर्वे व अधिग्रहण की आवश्यकता आदि को लेकर राजस्व विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।