उज्जैन

यहां गंदगी और बदबू का सितम, प्यास लगने पर भी नहीं जाते पानी पीने

निगम और मंडी प्रशासन के बीच खींचतान से बिगड़ी व्यवस्था, प्याज-लहसुन मंडी में ओटलों के आसपास नाले का पानी जमा, प्याऊ और सुविधाघर तक भी नहीं जा पाते किसान व व्यापारी

उज्जैनAug 22, 2019 / 01:15 am

rishi jaiswal

निगम और मंडी प्रशासन के बीच खींचतान से बिगड़ी व्यवस्था, प्याज-लहसुन मंडी में ओटलों के आसपास नाले का पानी जमा, प्याऊ और सुविधाघर तक भी नहीं जा पाते किसान व व्यापारी

उज्जैन. ओटलों के आगे नाले का जमा गंदा पानी, कीचड़ के बीच सढ़ांध मारते प्याज-लहसुन, कचरे से भरे डस्टबिन और इस गंदगी के बीच बैठने के मजबूर व्यापारी व किसान। यह हकीकत है संभाग की सबसे बड़ी मंडी का तमका रखने वाली कृषि उपज मंडी की। यहां न नियमित सफाई होती है और नहीं जमा कचरा उठाया जाता है। खाद्य उपज रखने वाली इस जगह की इतनी बदतर हालात इसलिए क्योंकि नगर निगम ने सफाई पर ध्यान नहीं दिया और समय रहते मंडी प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
आगर रोड स्थित संभागीय कृषि उपज मंडी सफाई को लेकर बदतर स्थिति में है। इसके कुछ बड़े भाग एेसे हैं जहां उपज क्रय-विक्रय तो दूर पैदल चलना तक संभव नहीं है। सबसे ज्यादा खराब स्थित प्याल-लहसुन मंडी क्षेत्र की है। यहां ओटलों पर तो खराब प्याज, लहसुन, आलू के कारण गंदगी फैली है। ओटलों के आसपास की सड़क नाले के पानी और कीचड़ से भरी हुई है। गंदगी का आलम यह है कि परिसर में जनसुविधा के लिए बनाए गए स्थान भी कीचड़ के बीच फंसकर अनुपयोगी हो गए हैं। अब सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए मंडी प्रशासन टेंडर जारी किए जाने का दावा कर रहा है।
इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि प्याज-लहसुन मंडी क्षेत्र में पेयजल के लिए प्याऊ बना हुआ है जिसमें आरओ सिस्टम तक लगे हैं लेकिन प्यासे वहां तक जा नहीं पाते। सार्वजनिक प्याऊ पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होने के बावजूद कई लोग इसका उपयोग सिर्फ इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि प्याऊ के आसपास कीचड़ व गंदगी पसरी रहती है। यदि आसपास से जैसे-तैसे नल तक पहुंच भी जाए तो गंदगी देख पानी पीने की हिम्मत ही नहीं हो। एेसी ही स्थिति यहां बने सुविधाघरों की भी है। यहां सुविधाघर के आसपास १५ फीट के दायरे में कीचड़ व नाले का पानी जमा रहता है जिसके कारण कोई सुविधाघर तक जा ही नहीं पाता है।
पानी है, प्यासे है पर पहुंच नहीं पाते
इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि प्याज-लहसुन मंडी क्षेत्र में पेयजल के लिए प्याऊ बना हुआ है जिसमें आरओ सिस्टम तक लगे हैं लेकिन प्यासे वहां तक जा नहीं पाते। सार्वजनिक प्याऊ पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होने के बावजूद कई लोग इसका उपयोग सिर्फ इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि प्याऊ के आसपास कीचड़ व गंदगी पसरी रहती है। यदि आसपास से जैसे-तैसे नल तक पहुंच भी जाए तो गंदगी देख पानी पीने की हिम्मत ही नहीं हो। एेसी ही स्थिति यहां बने सुविधाघरों की भी है। यहां सुविधाघर के आसपास १५ फीट के दायरे में कीचड़ व नाले का पानी जमा रहता है जिसके कारण कोई सुविधाघर तक जा ही नहीं पाता है।
यह है मंडी के हाल
मंडी के पीछले गेट के पास का नाला गंदगी से भरा है। थोड़ी सी बारिश में ओवरफ्लो होकर गंदा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। आसपास की कॉलोनियों में नाले पर अतिक्रमण के कारण व्यवस्थित सफाई नहीं हो पाती।
कुछ व्यापारियों ने ओटलों पर महीनों से खराब लहसुन-प्याज पटक रखा है जिससे गंदगी और बढ़ गई है।
नियमित सफाई नहीं होती। कीचड़ फैलने के कारण अब झाड़ू लगाना तक मुश्किल हो गया है।
परिसर में रखे सभी डस्टबिन कचरे व गंदगी से भरे हैं। इन्हें नियमित खाली नहीं किया जाता। कुछ डस्टबिन कीचड़ में गिरे पड़े हैं जिन्हें उठाया तक नहीं जा रहा।
नाले का पानी सड़कों पर फैलने से मच्छर, कीटाणू आदि की समस्या बढ़ गई है। एेसी जगह पर ही आलू-प्याज रखे होने से यह भी दूषित हो रहे हैं।
इसलिए बदतर हुए हालात
मंडी परिसर में सफाई व्यवस्था के लिए मंडी प्रशासन ने नगर निगम से अनुबंध किया था। इसके लिए निगम को निर्धारित राशि भी देना तय हुआ था।
निगम द्वारा नियमित सफाई नहीं किए जाने पर कृषि मंडी बोर्ड ने कई बार आपत्ति ली।
यह मामला भी सामने आया कि निगम ने सफाई व्यवस्था निजी ठेके पर दे दी। इसे मंडी प्रशासन ने अनुबंध शर्तों का उल्लंघन माना।
मंडी प्रशासन और निगम में खींचतान बढऩे के चलते करीब तीन महीने पहले अुनंबध समाप्त कर दिया गया।
अनुबंध समाप्त होने के बाद से मंडी प्रशासन ने करीब एक दर्जन मस्टर कर्मियों के बूते वैकल्पिक सफाई व्यवस्था की है।
अब मंडी प्रशासन ने सफाई व्यवस्था ठेके पर देने के लिए टेंडर जारी किया है।
सफाई व्यवस्था को लेकर पूर्व में नगर निगम से अनुबंध किया गया था। अनुबंध शर्तों का पालन नहीं होने पर इसे खत्म कर दिया है। अब सफाई व्यवस्था के लिए टेंडर जारी किया हैं। जल्द ही नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। तब तक वैकल्पिक व्यवस्था अंतर्गत अस्थायी रूप से सफाईकर्मियों से सफाई कराई जा रही है। मंडी परिसर के पाले की ठीक से सफाई नहीं होने के कारण भी समस्या आ रही है।
राजेश गोयल, सचिव कृषि विपणन बोर्ड

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