शनिवार को हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने परिवार के साथ भघवान ओंकारेश्वर के दर्शन किए। उनके साथ परिवार के लोग भी थे। वे हेलीकाप्टर से कोठी हेलीपेड पर लैंड हुए। इसके बाद सीधे ओंकारेश्वर मंदिर रवाना हो गए। इस दौरान ठाकुर ने कोटिचक्र तीर्थ घाट पर स्वजनों के साथ नर्मदा का पूजन किया। इस दौरान मांधाता विधायक नारायण पटेल ने उनका शॉल और श्रीफल से स्वागत किया। उन्हें भगवान की प्रतिमा भी भेंट की गई। ठाकुर ने बताया कि ओंकारेश्वर में उन्होंने खुशहाली की कामना की है।
महाकाल के दरबार में किया अनुष्ठान
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने गणेश चतुर्थी के दिन उज्जैन के बाबा महाकाल के दर्शन किए। परिवार के साथ आए ठाकुर ने काफी समय महाकाल परिसर में गुजारा। इससे पहले जयराम ठाकुर इंदौर से सड़क मार्ग से उज्जैन आए और सुबह की आरती में शामिल हुए।
प्रदेश की खुशहाली की कामना
मंदिर परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि वे हमेशा महाकाल के दर्शन करने आते हैं, पिछले कुछ समय से कोरोनाकाल के कारण वे नहीं आ सके थे। ठाकुर ने बताया कि महाकाल के दर्शन करते हुए उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए पूजा और अनुष्ठान किए। हम विशेषज्ञों से हिमाचल प्रदेश में होने वाले भूस्खलन और आपदाओं की जांच भी करवा रहे हैं। इधर, उज्जैन स्मार्ट सिटी के सीईओ जितेंद्र सिंह चौहान ने जयराम ठाकुर को मंदिर समिति की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया।
चुनाव में जीत के लिए कराया अनुष्ठान
इसके बाद वे आगर चले गए, जहां उन्होंने नलखेड़ा स्थित मां बगुलामुखी देवी के दर्शन कर अनुष्ठान किए। मान्यता है कि नलखेड़ा में तंत्र-मंत्र करने से सत्ता सुख प्राप्त होता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में राजनीतिक लोग नलखेड़ा में अनुष्ठान करवाने आते हैं। इसके अलावा दतिया जिले की पीताम्बरा पीठ में भी अनुष्ठान का महत्व है। इसे सत्ता की देवी कहा जाता है। जयराम ठाकुर ने जो अनुष्ठान कराया है, उसे हिमाचल में होने वाले उपचुनाव और अगले साल अक्टूबर 2022 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। मंदिर के प्रमुख पुजारी विनोद शर्मा ने यह पूजन कराया है।