उज्जैनPublished: May 08, 2019 12:07:03 am
Mukesh Malavat
किसानों की गुहार पर एसडीएम ने पुन: शुरू करवाई खरीदी
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नागदा. समर्थन मूल्य पर रूपेटा उपार्जन केंद्र पर खरीदी की जा रही है। मंगलवार को खरीदी के दौरान अत्याधिक उपज तुलवाने के विरोध में हम्मालों ने हंगामा खड़ा कर दिया। इससे नीलामी बंद करना पड़ा, किसानों की गुहार के बाद एसडीएम ने फटकार लगाते हुए पुन: नीलामी की प्रकिया तो शुरू हो गई, लेकिन हम्मालों की नाराजगी बरकरार है।
मंगलवार शाम 5:30 बजे रूपेटा उपार्जन केंद्र पर हम्मालों पर हंगामा कर दिया। हम्मालों का कहना था कि नियमानुसार पांच बजे तक समर्थन मूल्य की खरीदी होती है, लेकिन इसके बाद भी उपज तुलवाई जा रही है। हम्मालों ने समय समाप्त होने के बाद काम नहीं करने का विरोध करतेे हुए काम बंद कर दिया। हम्मालों का कहना था कि प्रतिदिन 500 बोरी से अधिक नहीं उठा सकते है। उसके बावजूद खरीदी शुरू होने से लेकर आज तक प्रतिदिन 1000 से 1500 बोरी उठाई जा रही है। ऐसे में चिलचिलाती गर्मी का असर कार्यक्षमता पर पड़ता है। हम्मालों की हठधार्मिता के कारण समर्थन मूल्य की खरीदी बंद हो गई। खरीदी बंद होने के बाद किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। किसानों का कहना था कि चिलचिलाती धूप में नंबर लगाकर खड़े है, जब हमारा नंबर आया तो हम्मालों के विरोध के चलते खरीदी बंद कर दी। किसानों ने फोन पर एसडीएम आरपी वर्मा का हंगामें से अवगत कराया तो एसडीएम ने उपार्जन केंद्र प्रभारी रविंद्रकुमार शर्मा को खरीदी जारी रखने के निर्देश दिए। उसके बाद पुन: खरीदी शुरू हो गई। लेकिन हम्माल तय समय के बाद उपज नहीं तौलने की मांग पर अभी भी अड़े हुए है।
यह आया विवाद का कारण सामने
समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली उपज को कृषि उपज मंडी से वेयरहाउस तक पहुंचाने का ठेका रंगा बिल्ला द्वारा लिया जाता है, लेकिन इस बार खरीदी नागरिक आपूर्ति निगम से ना होकर मार्फट के माध्यम से हो रही है। मार्फट ने सीधे वेयर हाउस पर खरीदी करने के निर्देश जारी किए। जिससें परिवहन की एक बड़ी राशि बचाने में अधिकारी सफल हो गए। इधर जब रंगा बिल्ला को परिवहन का ठेका नहीं मिला तो उसने नया तरीका ढूंढते हुए पूरे जिले में हम्माली का ठेका ले लिया, जिसमें अन्य प्रदेश के हम्मालों को न्यूनतम मजदूरी पर लाकर मंडियों में काम लिया जा रहा है। रंगा बिल्ला को पहले भी विभाग ने ब्लैक लिस्टेड कर रखा था, लेकिन प्रतिवर्ष नाम बदलकर वह समर्थन मूल्य की खरीदी में ठेका ले लेता है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगताना पड़ता है।
दो हजार बोरियों का स्टॉक खुले में पड़ा
उपार्जन केंद्र प्रभारी शर्मा के अनुसार मंगलवार तक खरीदी गई उपज के चलते 2 हजार बोरियां खुले में पड़ी है। हंगामें के बाद हम्मालों ने उठाने से इंकार कर दिया। यदि ऐसे में बारिश हो जाती है तो उपज गिली होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
हम्मालों ने 500 से अधिक बोरी नहीं उठाने की बात को लेकर विरोध दर्ज कराया था, लेकिन उपार्जन केंद्र प्रभारी को निर्देशित कर खरीदी पुन: शुरू कर दी गई है।
आरपी वर्मा, एसडीएम नागदा