औरंगाबाद में इंदिरानगर बायजीपुरा गली नंबर १० में रहने वाली पुष्पा (६०) पति शिखरचंद अजमेरा रविवार को जयपुर -धनबाद ट्रेन में बैठी थी। रात ३.३० बजे के करीब जब ट्रेन दौलतबाद के थोड़े आगे निकली तो एक बदमाश उनके एस-३ कोच में सीट नंबर १५ पर आया। उसने पुष्पा बाई को चाकू अड़ाया और बैग देने की मांग की। महिला ने विरोध किया लेकिन उसने बैग का हाथ से खींच लिया। पुष्पाबाई ने बताया रात में कोच में सब सोए थे। जब शोर मचाया तब तक बदमाश भाग गया। उसके पीछे भी गई लेकिन वह नहीं दिखा। बाद यात्री भी उठे और ट्रेन रोकी। ट्रेन ड्राइवर पहुंचे और उन्हें घटना बताई लेकिन कोई कुछ नहीं कर सका। बैग में छह हजार रुपए, २ मोबाइल फोन, चाबियां, चश्मा और आने-जाने का टिकट था। बाद में भुसावल के यहां पुलिसवाले आए लेकिन उन्होंने आवेदन लेकर कुछ नहीं किया। सुबह जब उज्जैन रेलवे स्टेशन पहुंची तो स्टेशन मास्टर को लिखित में पूरी घटना की शिकायत की। बाद में यह शिकायत जीआरपी को भेजी गई। वहीं जीआरपी टीआई दिनेश भोजक का कहना है उनके पास इस तरह की कोई सूचना नहीं है। हालांकि उन्हें परिवार से संपर्क कर राशि की मदद की और एक स्थानीय होटल में ठहरी।
शिक्षिका का दर्द, जान चली जाती तो
सेवानिवृत्त शिक्षिका पुष्पाबाई का कहना है ट्रेन में अकेली महिला का यात्रा करना अब सुरक्षित नहीं रहा। बदमाश उनके बैग छीन ले गया इसका ज्यादा दुख नहीं है। अगर बदमाश ट्रेन में उनकी हत्या कर देता तो क्या होता। पुष्पाबाई को इस बात का भी मलाल है कि पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की।