उज्जैन

जनता के रुपयों से बनी सड़क के यह कैसे हाल, कौन कर रहा मौज

पत्रिका मुहिम: शहर की सड़कों पर कहीं ऑटो गैरेज चल रहे तो कहीं दुकानों के बोर्ड रख घेर लिया आधा रास्ता, जिन मार्गों पर रोज हजारों वाहन निकलते, वहां भी नहीं हो रही सड़कों को साफ करने की कार्रवाई

उज्जैनJan 18, 2022 / 12:03 am

sachin trivedi

पत्रिका मुहिम: शहर की सड़कों पर कहीं ऑटो गैरेज चल रहे तो कहीं दुकानों के बोर्ड रख घेर लिया आधा रास्ता, जिन मार्गों पर रोज हजारों वाहन निकलते, वहां भी नहीं हो रही सड़कों को साफ करने की कार्रवाई

उज्जैन. विकास कार्य के नाम पर जनता से टेक्स तो वसूला जाता है लेकिन जन धन से तैयार इन सुविधाओं को आमजन को ही पूरा लाभ नहीं मिलता। शहर की सड़कें इसी का उदाहरण हैं। यहां सार्वजनिक उपयोग के लिए बनी सड़कों के आधे भाग पर कुछ लोगों ने दुकान फैलाकर कब्जा कर रखा है और शहर को सुंदर बनाने का दावा कर रहा नगर निगम व यातायात पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

शहर की कई सड़कें ऑटो गैरेज चलाने तो कई कार बाजार या दुकानों के प्रचार-प्रसार के काम आ रही है। सिंहस्ाि पूर्व करोड़ों रुपए खर्च कर माधव क्लब रोड का विस्तारीकरण व नवीनीकरण किया गया था। रोज हजारों वाहन गुजरते हैं इसलिए सेंटर डिवाइडर भी बनाया गया था ताकि यहां यातायात व्यवस्थित रहे। वर्तमान में सड़क के लबभग आधे भाग पर अतिक्रमण पसरा है। एक बडे़ हिस्से में ऑटो गैरेज संचालित हो रहे हैं जिनका सामान व वाहन सड़क पर ही रहते हैं। इसके अलावा अन्य दुकानों के बोर्ड, स्टैंडी व सामग्री भी आधी सड़क तक फैल रहे हैं। एेसे में सड़क का विकास होने के बाद भी आमजन को आने-जाने के लिए एक साइड सिंगल लेन ही मिल रहा है।

सर्विस रोड और फुटपाथ पर भी अतिक्रमण

मुख्य मार्ग के साथ ही शहर के फुटपाथ व सर्विस रोड भी अतिक्रमण की चपेट में हैं। हरफिाटक क्षेत्र, आगररोड, देवासरोड आदि स्थानों पर यही स्थिति है। कहीं फुटपाथ पर कारबाजार, कपड़े की दुकान आदि संचालित हो रहे हैं तो कहीं सर्विस रोड ऑटो गैरेजे और होटल-गुमटी की चपेट में हैं। इसके अलावा फुटपाथ का उपयोग दुकानों के प्रचार-प्रसार में भी किया जा रहा है।

राजस्व की कमी फिर भी नहीं कारवाई

होर्डिंग्स, दुकानों के बोर्ड आदि को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग ने कड़े नियम बना रखे हैं। यह नगर निगम के लिए राजस्व का स्त्रोत भी है। इसके बावजूद शहर की सड़कों पर दुकानों के होर्डिंग्स, फ्लेक्स, स्टैंडी के अतिक्रमण को लेकर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह स्थिति तब है जब निगम आर्थिक स्थिति तंग है और विकास कार्य अंतर्गत किए गए निर्माणों का ही भुगतान नहीं हो पा रहा है। लगभग आधा हिस्सा

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