स्वास्थ्य लाभ व पर्यावरण संरक्षण की मंशा से ७८०० वर्ग मीटर में फैला उपवन पूर्व यूडीए अध्यक्ष राजहुजूरसिंह गौर के कार्यकाल में विकसित हुआ था। अब यूडीए बोर्ड ने इसे नए रूप में संवारा है, लेकिन कार्यक्रम को लेकर छपे आमंत्रण व मौके पर लगे बोर्ड से राजीव गांधी का नाम हटा दिया गया। इसी को लेकर मप्र कांग्रेस पार्टी सचिव चेतन यादव ने ने एतराज किया और यूडीए बोर्ड पर निशाना साधा। रविवार को कांग्रेसी मौके पर प्रदर्शन करेंगे।
यूडीए के प्रेसनोट में नाम मौके पर कुछ नहीं
यूडीए सीईओं अभिषेक दुबे की ओर से शनिवार को मीडिया में जारी प्रेसनोट में उपवन के नाम के आगे राजीव गांधी लिखा गया, लेकिन कार्यक्रम को लेकर छपे आमंत्रण पम्फ्लेट व अनावरण पट्टिका से ये नाम गायब है। इससे पूर्व जब उपवन विकास के टेंडर हुए थे तब भी इसमें नाम शामिल था, लेकिन एकाएक अब इसे सुविधायुक्त उपवन के रूप में प्रचारित कर दिया।
शहर का पहला ऐसा पार्क, जानें क्या खास
यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल के अनुसार २५ फरवरी १९७७ को प्राधिकरण का गठन हुआ था, इसी दिन को ध्यान में रख उपवन का लोकार्पण किया जा रहा है, जिसमें उपवन में औषधीय गुणों युक्त नर्सरी के साथ एरोबिक्स, साइकिल ट्रैक व योगा कि सुविधा रहेगी। सीसा झूले के जरिए पौधों को पानी मिलेगा। झूले झूलने से एलईडी लाइट चालू-बंद होगी। शहर में इस तरह का दूसरा पार्क नहीं है।
पर्चो में भी फोटो पर मानने को राजी नहीं
लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर वितरित हुए पर्चो में खुद यूडीए अध्यक्ष अग्रवाल का फोटो लगा है, लेकिन वे ये मानने को राजी नहीं हुए कि पर्चे उनकी ओर से बने है। पूछने पर वे यही बोलं हमने अतिथियों को जो आमंत्रण दिया है उसमें राजीव गांधी उपवन ही लिखा है। कुल मिलाकर सत्ताधारी नेता विपक्षी नेताओं के नाम कि नजरअंदाजी कर रहे हैं, लेकिन इसे कबूल करने से भी बच रहे हैं।
कांग्रेस की तो विकास विरोधी मानसिकता है। हमने कोई नाम परिवर्तन नहीं किया, पूर्व से राजीव गांधी उपवन का बोर्ड लगा है। अभी बने द्वार पर विकास प्राधिकरण लिखाया है, क्योंकि ये संपत्ति प्राधिकरण की है। हमने अतिथियों को जो अधिकृत नियमंत्रण भेजे है उसमें उपवन का पुराना नाम ही लिखा है।
जगदीश अग्रवाल, यूडीए, अध्यक्ष