सहकारी व अन्य बैंकों से शून्य ब्याज पर राशि ले चुके किसानों के समक्ष दोहरी परेशानी खड़ी हो गई है। किसानों का तर्क है, कि यदि बैंकों के निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत यदि राशि का भुगतान नहीं किया गया तो उन्हें वर्ष भर की राशि का भुगतान करना होगा। जिससे उनके समक्ष आगामी फसलों की बुवाई के लिए राशि का अभाव होगा। साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो जाएगी। नागदा-खाचरौद विकासखंड के सैकड़ों किसान ऐसे हैं, जिनके घरों में वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित होना है। कार्यक्रमों की तैयारियों के लिए कृषकों ने उपज बेची थी। जो अब राशि के भुगतान के लिए बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
दरअसल, इन दिनों बैंकों के एटीएम में बड़े नोट नहीं निकलने से नोटबंदी जैसे हालात निर्मित हो गए है। बैंक प्रबंधकों का तर्क है, कि मुख्य शाखाओं से राशि पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचाई जा रही है। जिससे अन्य संबंधित बैंक व एटीएम में रुपए नहीं डाले जा रहे हैं। इसी प्रकार के हालात सहकारी सेवा संस्थाओं में निर्मित हो रहे है। बीते १५ दिन पूर्व उपज बेच चुके किसानों को राशि का भुगतान बैंक नहीं कर पा रही है। लिहाजा किसानों के समक्ष आर्थिक तंगी, उधार रुपए व वैवाहिक कार्यक्रम आदि कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। बीते ही दिन की बात करें, तो जिला सहकारी संस्था में एक किसान को रुपए का भुगतान नहीं किए जाने पर कृषक द्वारा कीटनाशक पीने की चेतावनी दी गई थी।
राशि का भुगतान २८ अप्रैल को किया जाना है, यदि किसान राशि का भुगतान उचित समय पर नहीं करते तो उन्हें पूरे वर्ष का ब्याज देना पड़ेगा। बैंक प्रबंधकों का तर्क है, कि मुख्यालय स्तर से पर्याप्त मात्रा में राशि नहीं आने से किसानों को भुगतान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब ऐसे हालात में कृषक करें तो क्या करें।
दिनेश बैरागी, किसान
बीते १५ दिन पूर्व उपज बेच चुके किसानों को राशि का भुगतान बैंक नहीं कर पा रही है। लिहाजा किसानों के समक्ष आर्थिक तंगी, उधार रुपए व वैवाहिक कार्यक्रम आदि कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। बीते ही दिन की बात करें, तो जिला सहकारी संस्था में एक किसान को रुपए का भुगतान नहीं किए जाने पर कृषक द्वारा कीटनाशक पीने की चेतावनी दी गई थी।
रामेश्वर आंजना, किसान
बीते १५ दिन पूर्व उपज बेच चुके किसानों को राशि का भुगतान बैंक नहीं कर पा रही है। लिहाजा किसानों के समक्ष आर्थिक तंगी, उधार रुपए व वैवाहिक कार्यक्रम आदि कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। बीते ही दिन की बात करें, तो जिला सहकारी संस्था में एक किसान को रुपए का भुगतान नहीं किए जाने पर कृषक द्वारा कीटनाशक पीने की चेतावनी दी गई थी।
रामेश्वर आंजना, किसान