उज्जैन

अगर ये प्रस्ताव मंजूर हुआ तो बदल जाएगी नागदा की भौगोलिक स्थिति

शहर के करीब एक दर्जन से ज्यादा वार्डों की सीमाएं बदलेंगी तो कुछ वार्डों का दायरा बढ़ेगा तो कुछ का छोटा हो जाएगा।

उज्जैनOct 18, 2019 / 12:27 am

Ashish Sikarwar

शहर के करीब एक दर्जन से ज्यादा वार्डों की सीमाएं बदलेंगी तो कुछ वार्डों का दायरा बढ़ेगा तो कुछ का छोटा हो जाएगा।

नागदा. शहर के करीब एक दर्जन से ज्यादा वार्डों की सीमाएं बदलेंगी तो कुछ वार्डों का दायरा बढ़ेगा तो कुछ का छोटा हो जाएगा। ऐसा इसलिए हो रहा है कि प्रशासन ने वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर एक बार फिर वार्डों का नया परिसीमन कर गुरुवार को सूची का प्रकाशन कर दिया है। नए परिसीमन के मुताबिक शहर अब 36 की बजाए 38 वार्डों में विभाजित हो चुका है। यानी नवीन परिसीमन में दो वार्डों का इजाफा हुआ है। बढ़े हुए वार्डों में एक मंडी एवं दूसरा बिरलाग्राम क्षेत्र का है। वार्ड विभाजन सूची के प्रकाशन की जानकारी प्रशासन द्वारा नपा कार्यालय सहित शहर के सभी मतदान केंद्रों पर चस्पा की गई है।
बता दें कुछ दिनों पूर्व ही पांच साल पूर्व हुए परिसीमन को लेकर हाइकोर्ट का फैसला आया है। इसमें कोर्ट ने पूर्व के परिसीमन को विसंगतिपूर्ण मानते हुए शून्य घोषित कर शासन एवं प्रशासन को पुन: वार्ड विभाजन करने के आदेश दिए थे।
एक सप्ताह में देना होंगे दावे-आपत्ति
नए वार्ड विभाजन के बाद आम लोगो के दावे-आपत्ति के लिए प्रशासन ने सात दिनों की समयसीमा निर्धारित की है। एसडीएम आरपी वर्मा ने बताया वार्ड विभाजन को लेकर शहर के किसी भी मतदाता या व्यक्ति को आपत्ति या सुझाव देना है तो वह कार्यालयीन समय पर कलेक्टर या एसडीएम कार्यालन नागदा में लिखित रूप से 23 अक्टूबर तक प्रस्तुत कर सकता है। अनुविभागीय अधिकारी दावे-आपत्ति पर अनुशंसा कर कलेक्टर को प्रेषित करेंगे। एक निश्चित समय सीमा में कलेक्टर द्वारा सुनवाई कर निराकरण करना होगा। बाद में एक प्रतिवेदन के साथ वार्ड विभाजन का खाका राज्य शासन को कलेक्टर को भेजा जाएगा। राज्य शासन के नोटिफिकेशन के साथ नए वार्ड विभाजन को कानूनी मंजूरी मिल जाएगी।
बढ़ जाएगा एक-एक वार्ड
नए परिसीमन लागू होते ही 15 साल पुराना नगरपालिका परिषद का इतिहास भी बदल जाएगा। 1981 में हुए परिसीमन के दौरान शहर के विस्तार और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए चार वार्ड बढ़ाए गए थे। यानी 32 वार्ड वाली नपा को 36 वार्ड में विभाजित किया गया था। डेढ़ दशक में यह पहला मौका है जब वार्डों की संख्या 36 से 38 की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार नये वार्ड विभाजन में प्रशासन ने मंडी क्षेत्र स्थित वार्ड 9 और 10 को तोड़कर नया 11 नबंर वार्ड बनाया है। बिरलाग्राम क्षेत्र के वार्ड 30 और 31 को तोड़कर एक नया वार्ड बनाया है। नए वार्डों के वजूद में आने से शहर के करीब एक दर्जन वार्ड ऐसे हैं जिनकी सीमाएं बदल जाएंगी।
असमानता होगी खत्म
2014 में किए गए वार्ड परिसीमन में मतदाताओं की संख्या में भारी असमानता सामने आई थी। उदाहरण के तौर पर वार्ड 20 में सबसे कम 859 मतदाता थे, जबकि वार्ड 33 की मतदाता सूची में वोटरों की संख्या 3118 दर्शायी गई थी। जो वार्ड की जनसंख्या से भी ज्यादा थी। इसी विसंगति को आधार बनाकर पूर्व नपा उपाध्यक्ष रामसिंह शेखावत एवं कुछ अन्य लोगो ने पांच वर्ष पूर्व हुए परिसीमन को चुनौती दी थी।
यह है नियम
मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 29 (1) एवं 3 अनुसार नपा के लिए गठित किए जाने वाले वार्डों की संख्या चालीस से अधिक एवं 15 से कम नहीं होना चाहिए। वार्डों की रचना इस तरह हो कि प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या पूरे नपा के क्षेत्र में यथासंभव एक जैसी रहे।
किसी भी वार्ड में मतदाताओं की संख्या शहर के कुल वार्डों की संख्या को नगर की आबादी का भागफल आना चाहिए। 15 प्रतिशत कम या ज्यादा किया जा सकता है। इस हिसाब से 2011 में हुइ जनगणना के मुताबिक शहर की कुल आबादी एक लाख 36 है। इसमें 38 वार्डों का भाग देने पर भाग फल 2632 आता है। नियमानुसार भागफल में 15 फीसदी कम या ज्यादा मतदाताओं की संख्या कर भी दी जाए तो 394 मतदाताओं का अंतर आएगा। यानी किसी भी वार्ड में 3026 से ज्यादा और 2283 से कम नहीं होना चाहिए।
पुन: विभाजन किया है
हाइकोर्ट के आदेश के बाद शहर के वार्डों का पुन: विभाजन किया गया है। सभी में मतदाताओं की संख्या में समानता लाने के लिए दो वार्ड बढ़ाए हैं। सूची का प्रकाशन कर इसको शहर के सभी मतदान केंद्रों पर चस्पा किया है। नए वार्ड विभाजन को लेकर दावा- आपत्ति है तो वह 23 अक्टूबर तक कलेक्टर कार्यालय उज्जैन या नागदा एसडीएम कार्यालय पर जमा करा सकता है।
आरपी वर्मा, एसडीएम नागदा

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