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शहर में जल्द ही बारिश के पहले यह काम नहीं हुए तो आ सकती है परेशानी

locationउज्जैनPublished: May 19, 2019 01:11:55 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

मानसून मेंटेनेस अंतर्गत नपा ने नालियों की सफाई व जलभराव से निपटने के लिए नहीं किए कोई उपाय

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नागदा. नगर पालिका व प्रशासनिक अफसरों की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में होने के कारण शहर के आपदा प्रबंधन पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। कारण मानसून आने में महज एक माह का समय शेष है, लेकिन अब तक शहर में आपदा प्रबंधन को ना तो किसी प्रकार की बैठक आहुत हुई ना ही नगर पालिका द्वारा डूब प्रभावित क्षेत्रों के नालों की सफाई के लिए कोई उचित कार्रवाई की गई। दूसरी ओर शहर में हो रहे अधूरे सडक़ निर्माण भी जलभराव करने का प्रमुख कारण बनेंगे। कारण शहर में आधा दर्जन इलाकों में सडक़ निर्माण के लिए सडक़ों को खोदकर छोड़ दिया गया है। ऐसे में यदि प्री-मानसून ने दस्तक दी तो क्षेत्र में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होगी। नगर पालिका अधिनियम के अनुसार मानसून की दस्तक के ढेड़ माह पूर्व ही स्थानीय निकाय को मानसून मेटेंनेस के अंतर्गत डूब प्रभावित क्षेत्रों की नालियों की सफाई व जलभराव से निपटने के लिए वैकल्पिक उपाए किए जाने चाहिए, लेकिन नपा नागदा की ओर से इस प्रकार के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। विडम्बना यह है कि डूब प्रभावित क्षेत्रों के हालात आज भी वैसे ही है।
बे-मतलब की सफाई : चेतनपुरा व दशहरा मैदान स्थित बड़ा नाला में नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों द्वारा सफाई तो की जाती है, लेकिन अनदेखी के चलते गंदगी को नाले से नहीं हटाया जाता है। सफाई कर्मचारियों द्वारा नालों के समीप रहने वाले रहवासियों के घरों के बाहर सफाई तो कर दी जाती है, लेकिन कचरे को नालों के समीप ढेर लगाकर छोड़ दिया जाता है.
इन क्षेत्रों में जलभराव
शहर के बादीपुरा, आजादपुरा, चेतनपुरा, जूना नागदा, नई आबादी, बीसीआई कॉलोनी, सी-ब्लॉक का टॉपरी क्षेत्र, दयानंद कॉलोनी, पाड्ल्याकलां आदि क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति निर्मित होती है। उक्त क्षेत्रों में नालियों की उचित सफाई नहीं होने से जलभराव की परेशानी आती है। कोटा फाटक, पुराने ओवर ब्रिज के समीप बसे प्रकाश नगर, ओझा कॉलोनी, गुलाबबाई कॉलोनी, रामसहाय मार्ग, एमजी रोड को शहर की पॉश कॉलोनियों का श्रेणी का दर्जा दिया गया है, लेकिन आधे घंटे की बारिश में इन क्षेत्रों में जलभराव हो जाता है। यहां पर जलभराव होने का कारण डे्रनेज सिस्टम नहीं होना है।
फिलहाल लोकसभा चुनाव ड्यूटी में व्यस्त है। मुख्यालय के निर्देशानुसार आपदा प्रबंधन की बैठक आहुत की जाती है, जिसमें विभिन्न शासकीय विभागों के अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है। नगर पालिका के हस्ते नालियों की साफ-सफाई व जलभराव वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने का कार्य होता है।
सतीश मटसेनिया, सीएमओ

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