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500 रुपए में तो गंगा विंध्यांचल से ही निकलेगी… शिक्षक ने इसलिए दिया मुख्यमंत्री को ऐसा जवाब

locationउज्जैनPublished: Apr 29, 2018 01:19:54 am

Submitted by:

Lalit Saxena

सीएम बोले भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव में नया गुरुकुल प्रारंभ करेंगे

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सीएम बोले भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव में नया गुरुकुल प्रारंभ करेंगे

उज्जैन. शहर में तीन दिवसीय विराट गुरुकुल सम्मेलन शुरू हुआ। इस दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह भी मौजूद थे। सभी ने अपना-अपना उद्बोधन दिया। इस दौरान बटुकों व उपस्थित शिक्षकों को सीएम शिवराजसिंह ने एक रोचक किस्सा सुनाया जो चर्चा का विषय बना रहा। किस्सा सुनाते हुए सीएम बोले मैं जब सांसद था तब एक स्कूल में बच्चे से पूछा कि गंगा कहां से निकलती है तो वह बोला विंध्यांचल से। इस पर मैंने शिक्षक से पूछा कि आप यह क्या पढ़ा रहे हो, तो वे बोले 500 रुपए में तो गंगा विंध्यांचल से ही निकलेगी। शिक्षा का स्तर सुधारने शिक्षकों का भी आर्थिक उत्थान जरूरी है। सीएम बोले भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव में नया गुरुकुल प्रारंभ करेंगे। शालेय व विवि स्तर पर गुरुकुल परंपराओं पर शोध आदि पर अलग से काम करेंगे।
कृष्ण की 64 कला, 14 विद्या की दीर्घा का लोकार्पण
उज्जैन. मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा महर्षि सान्दीपनि आश्रम में श्रीकृष्ण द्वारा की 64 कलाओं और 14 विद्याओं की चित्र दीर्घा स्थापित की गई है। शनिवार को दीर्घा का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघ चालक मोहन भागवत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया।
कनकशृंगा एवं सर्वांग पुस्तिका विमोचित
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के आलेखों के संग्रह से तैयार कनकशृंगा पुस्तक का विमोचन हुआ। स्मिता भवालकर व प्रेरणा दीदी ने इसका संकलन किया है। वहीं 14 विद्या एवं 64 कलाओं पर आधारित सर्वांग पुस्तिका का विमोचन भी अतिथियों ने किया। छात्रा योगिनी तांबे ने गुरुकुल आधारित गीत प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. उमाशंकर पचौरी ने किया व आभार सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान अध्यक्ष सच्चिदानन्द जोशी द्वारा प्रकट किया गया।

सम्मेलन में आज
सुबह ९.३० से समानांतर सत्र आहुति १, गुरुकुल शिक्षा के पांच संकाय ज्ञान निधि, विज्ञान, कृषि, कला व योग पर मंथन।
दोपहर ११.१५ से १ बजे। गुरुकुल शिक्षण व्यवस्था पर ज्ञान यज्ञ।
गौरवशाली इतिहास व वर्तमान स्थिति।
दोपहर २.३० बजे समानांतर सत्र आहुति २ – सप्त स्तंभ संचालक, पोषक, आचार्य, छात्र, अभिभावक, शिक्षाविद् तथा गणवेशकर्ता।
शाम ४.३० से ६ तक गुरुकुल शिक्षण विधि व सांय ६.३० बजे से विविध गुरुकुलों द्वारा मंचीय प्रस्तुति।
रात १० बजे दीप निमिलन (दीपों की शृंखला)
३० अप्रैल को विभिन्न सत्रों के बाद सांय ३ बजे से संकल्प सत्र (समापन) होगा।

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