हाल जानने तक नहीं गए प्रभारी मंत्री वर्मा
प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा का गैर जिम्मेदाराना रवैया कहेंगे कि वे अपने वाहनों के काफिले से टकराए बुजुर्ग किसान को देखने न अस्पताल गए न बाद में हाल जाना। ढोल-ताशे बजते रहे, स्वागत होता रहा, लेकिन उस बुजुर्ग किसान की सुध किसी ने नहीं ली।
फसल ऋण योजना के प्रमाण पत्र वितरण करने पहुंचे थे वर्मा
दरअसल, मामला है शुक्रवार राघवी क्षेत्र का, जिसमें लोक निर्माण विभाग के मंत्री और उज्जैन के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा महिदपुर में फसल ऋण योजना के प्रमाण पत्र किसानों को बांटने जा रहे थे। इसी बीच राघवी क्षेत्र से निकलते हुए उनके काफिले का जमकर स्वागत किया गया और कई गाडियां वहां से भी उनके काफिले में शामिल हो गईं। जैसे ही गाडिय़ां राघवी क्षेत्र से निकलीं, इस बीच घौसला क्षेत्र के रहने वाले किसान बापू को सज्जन सिंह वर्मा के काफिले की गाड़ी ने जोरदार टक्कर मारी और उसके ऊपर चढ़ाते हुए गुजर गई।
शनिवार सुबह हुई किसान की मौत
इस मौके पर वहां सज्जन सिंह वर्मा के स्वागत के लिए खड़े लोगों ने बुजुर्ग किसान को संभाला और उज्जैन जिला अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन ज्यादा चोट आने के कारण बुजुर्ग किसान बापू की शनिवार सुबह मौत हो गई। मौत के बाद जिला अस्पताल में किसान का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसके बाद बापू सिंह के पुत्र बने सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके पिता को मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के काफिले में से ही किसी गाड़ी ने टक्कर मारी थी।
लौटते वक्त भी नहीं जाना उसका हाल
मंत्री वर्मा ने लौटते वक्त भी घायल किसान का हाल जानने की कोशिश नहीं की। इधर, पूरे मामले पर बीजेपी ने सवाल खड़े किए और कहा कि किसानों की हितेषी बताने वाली सरकार के मंत्री और कार्यकर्ताओं का दोहरा चरित्र जनता के सामने है।