उज्जैन

पहली बारिश में ही बिगड़े हालात, खुदाई की मिट्टी से सड़कों पर कीचड़

पहली बारिश में ही सीवरेज प्रोजेक्ट से जुड़ी लापरवाही लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गई। वार्ड 46 अंतर्गत विद्यापति नगर में खुदाई के बाद सड़कों पर पड़ा मिट्टी-मलबा फैलकर कीचड़ में तब्दील हो गया।

उज्जैनJun 19, 2019 / 10:03 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन। पहली बारिश में ही सीवरेज प्रोजेक्ट से जुड़ी लापरवाही लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गई। वार्ड 46 अंतर्गत विद्यापति नगर में खुदाई के बाद सड़कों पर पड़ा मिट्टी-मलबा फैलकर कीचड़ में तब्दील हो गया। स्थिति यह बनी कि विद्यापति नगर की सड़कों से दो पहिया वाहन निकालना भी मुश्किल हो गया। बारिश का अंदेशा पहले से ही होने के बावजूद टाटा कंपनी ने मिट्टी हटवाई नहीं, जिसके कारण ये समस्या पैदा हुई।

सीवरेज लाइन के लिए खुदाई की गई थी

विद्यापति नगर में कई दिनों पहले सीवरेज लाइन के लिए खुदाई की गई थी। लेकिन समय रहे पाइप नहीं बिछाने व दुरुस्तीकरण नहीं करने से अब यहां मुसीबत हो रही है। कॉलोनी के अधिकांश भाग पर कीचड़ फैल गया है। लोगों के लिए आवाजाही भी मुश्किल हो रही है। लेकिन सीवरेज प्रोजेक्ट से जुड़ी समस्याओं पर ना निगम अधिकारियों का ध्यान है ना ही टाटा कंपनी के जिम्मेदार कोई सुनवाई करते। एेसे में बारिश के दिनों में लोगों को और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

फोन रिसीव नहीं करते टाटा के जिम्मेदार

शहर में खुदाई से हो रही परेशानियों व अन्य मुद्दों को लेकर जब कभी कोई टाटा कंपनी के प्रोजेक्ट अधिकारियों को मोबाइल करें, जिम्मेदार रिसीव ही नहीं करते। विद्यापति नगर की समस्या को लेकर पत्रिका ने भी टाटा के प्रोजेक्ट इंचार्ज शोभित मिश्रा को कॉल किया लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। पहले भी कंपनी के जिम्मेदारों का इसी तरह का रवैया रहा है। निगम अधिकारियों को ठीक से नियंत्रण नहीं होने के चलते यह स्थिति बनी हुई है।

टोल फ्री नंबर जारी कराए निगम

सीवरेज प्रोजेक्ट से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए नगर निगम को अपने कंट्रोल रूम या टाटा कंपनी के जरिए टोल फ्री नंबर की सुविधा शुरू करनी चाहिए। ताकी जिन क्षेत्रों में अधिक समस्या है वहां के लोग अपनी शिकायत बता सकें। शिकायतों का रिकॉर्ड होने पर इनके निवारण व निवारण ना होने की स्थिति का पता भी लग सके।

इनका कहना –

विद्यापति नगर में जो भी समस्या है उसे दूर कराएंगे। चलते काम में थोड़ी परेशानी तो आती है लेकिन इसे प्राथमिकता से दुरुस्त कराएंगे।

धर्मेद्र वर्मा, कार्यपालन यंत्री, पीएचई

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