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इस शहर में किसानों की मेहनत चूसी रही सेमीलूपर

locationउज्जैनPublished: Aug 19, 2019 12:22:26 am

Submitted by:

Ashish Sikarwar

विकासखंड नागदा-खाचरौद के धरतीपुत्रों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। सोयाबीन ‘पर उक्ता रोग का प्रभाव खत्म हुआ ही था कि सेमीलुपर ने फसल चट करना शुरू कर दी है।

In this city, the hard work of the farmers was sucking semilooper

विकासखंड नागदा-खाचरौद के धरतीपुत्रों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। सोयाबीन ‘पर उक्ता रोग का प्रभाव खत्म हुआ ही था कि सेमीलुपर ने फसल चट करना शुरू कर दी है।

नागदा. विकासखंड नागदा-खाचरौद के धरतीपुत्रों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। सोयाबीन ‘पीले सोनेÓ पर उक्ता रोग का प्रभाव खत्म हुआ ही था कि सेमीलुपर (इल्लियां) ने फसल चट करना शुरू कर दी है। हालात ये हैं कि कीटनाशक का छिड़काव करने के बावजूद इल्ली प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा। धरतीपुत्रों में भय इस बात का है कि इल्ली अफलन की स्थिति न पैदा कर दे। दरअसल क्षेत्र में बीते दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है। बारिश के चलते क्षेत्र में इल्लियों का प्रकोप बढ़ गया है। कृषि विशेषज्ञों का तर्क है बारिश और बादलों के बने रहने से इल्लियां दोगुना क्षमता से प्रजनन करती हैं।
क्या है परेशानी
दरअसल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से सोयाबीन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। क्षेत्र में औसत से 14 इंच ज्यादा बारिश हो चुकी है। औसतन बारिश का आंकड़ा 36 इंच है, जबकि इस वर्ष 50.7 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। बारिश व बादलों के कारण क्षेत्र में इल्लियों का प्रकोप बढ़ रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का तर्क है कि सर्वे में पाया गया है कि वर्तमान में सेमीलुपर का प्रकोप है। किसान इल्लियों को समाप्त करने के लिए हैवी डोज कीटनाशक छिड़काव कर रहे हैं। ऐसे में दवाएं फसलों के फूलों को जला देगी। इससे इल्लियों का प्रकोप कम होने की बजाए फसल नष्ट हो जाएगा।
ऐसे करें बचाव
कृषि विभाग के एसके मालवीय का तर्क है कि सेमीलुपर के प्रभाव को कम करने के लिए फॉरफेनोंफास दवा का उपयोग करना चाहिए। छिड़काव 500 लीटर पानी में 750 एमएल प्रति हेक्टेयर के मान से किया जाना चाहिए। दूसरी ओर कृषि अधिकारियों का तर्क यह भी है कि यदि समय रहते सेमीलुपर का खात्मा नहीं किया गया तो सेमीलपुर हेल्यिोथीस इल्लियों के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। हेल्यिोथीस फसलों के बीजों को खाकर नुकसान पहुंचाती है।
प्रकोप देखने को मिला
लगातार बारिश होने व बादलों के बनने के इल्लियों की पैदावार एकाएक मात्रा में होती है। सर्वे में भी सामने आया है कि विकासखंड में सेमीलुपर (अर्धचंद्राकर इल्लियां) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। फिलहाल इल्लियां फसलों के पत्तों को चट कर रही हैं। यदि समय रहते कीटनाशक छिड़काव नहीं किया गया तो इल्लियां फसलों में अफलन की स्थिति पैदा करेंगी।
केएस मालवीय, एसएडीओ, कृषि विभाग

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