उज्जैन चेरिटेबल अस्पताल में कान, नाक और गले रोग का सस्ती दरों पर इलाज, नई सुविधा से डॉक्टर के साथ मरीज भी देख सकते हैं क्या है उनकी बीमारी
उज्जैन
Updated: April 02, 2022 07:33:31 pm
उज्जैन। नाक, कान और गले से जुड़ी बीमारियों के लिए मरीजों को एंडोस्कॉपी कराने के लिए बाजार में करीब दो से ढाई हजार रुपए खर्च करना पड़ा है वहीं उज्जैन चेरिटेबल अस्पताल में महज २० रुपए में यह उपचार मिल रहा है। खास बात यह कि एंडोस्कॉपी की सुविधा में न केवल डॉक्टर बल्की मरीज भी देख पा रहे हैं कि उन्हें क्या बीमारी है और उसकी स्थिति क्या है। संभवत: प्रदेश में इतनी सस्ते दरों में उज्जैन में ही रोगियों को उपचार मिल रहा है।
नाक, कान और गले से जुड़ी बीमारियों के रोगियों को अमुमन डॉक्टर लक्षणों के आधार पर जांच करते हैं तो अंदर की स्थिति जानने के लिए दूरबीन टाइप उपकरण (ओटोस्कोप) का उपयोग करते हैं। इसमें डॉक्टर ही मरीज के कान और नाक को अंदर से देख पाते हैं कि अंदर क्या स्थिति है। नाक, कान और गले की बीमारी को अंदर से व्यापक तौर से देखने के लिए एंडोस्कॉपी करनी पड़ती है। इसमें कैमरे लगा उपकरण अंदर डाला जाता है। इससे अंदर की स्थिति सामने रखी टीवी पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे जाती है। इससे पता चल जाता है कि बीमारी किस रूप में है और इसका क्या इलाज होना है। बाजार में एंडोस्कॉपी करने को लेकर निजी अस्पतालों में दो से ढाई हजार रुपए तक ले लेते हैं, या सामान्य तौर पर देखने पर ही ५०० से १००० रुपए ले लिए जाते हैं। चेरिटेबल अस्पताल में यह सुविधा मरीजों को महज २० रुपए की पर्ची काटने पर ही उपलब्ध हो रही है। अस्पताल के डॉ. धवल ने बताया कि पिछले दिनों शुरू हुई इस सुविधा से बड़ी संख्या में मरीजों का उपचार दिया गया है। मरीज भी संतुष्ठ होते हैं कि उन्हें बीमारी किस तरह की है।
इन बीमारियों के उपचार में मदद
- कान के पर्दे फटे होने की स्थिति में देखा जा सकता है कान कितना प्रभावित है।
- कान में पीप आने या कोई अन्य संक्रमण को आसानी से देखा जा सकता है।
- नाक में बड़ी हुई हड्डी को आसानी से देखा जा सकता है।
- ब्लैक फंगस के मरीजों को नाक में जमने वाली पपड़ी या साइनस तक की स्थिति देखी जा सकती है।
- गले में गठान, टॉंसिल की स्थिति देखी जा सकती है।
मरीजों को मिलती यह सुविधा
कान, नाक या गले में होने वाली बीमारी को मरीज नहीं देख पाते हैं। डॉक्टर ही इन बीमारी को देखते और उपचार की सलाह देते हैं। एंडोस्कॉपी के माध्यम से मरीज भी टीवी पर देख सकते हैं कि उनकी बीमारी किस तरह की है। यहां तक डॉक्टर भी उन्हें उनकी बीमारी के बारे में विस्तार से बता सकते हैं। फलां बीमारी दवा से ठीक हो पाएगी या उनका ऑपरेशन करना होगा।
इनका कहना
अस्पताल में नाक,कान और गले रोग के मरीजों के उपचार के लिए एंडोस्कॉपी मशीन लगाई गई है। ओपीडी से कटने वाली २० रुपए की रसीद से इस मशीन से मरीजों को देखा जा रहा है। एंडोस्कॉपी से मरीज भी देख पा रहे हैं कि उनकी बीमारी कैसी और किस तरह ठीक किया जा सकेगा।
- डॉ. सुधाकर वैद्य, इएनटी विशेषज्ञ
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