सूबे में आम जनता किन तकलीफों से त्रस्त हैं, कहां पद का दुरुपयोग हो रहा है, कौन सी समस्या या मुद्दे लोक शांति में खलल डाल सकते हैं और कहां सुरक्षा में सेंध लग सकती है, ऐसे ही मामलों को पता करने के लिए इंटेलीजेंस एजेंसी ने जनसुनवाई की टोह लेना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार पिछले मंगलवार को बृहस्पति भवन में हुई कलेक्टर की जनसुनवाई में इंटेलीजेंस एजेंसी की दो सदस्यीय टीम ने गोपनीय रूप से नजर रखी। उन्होंने यहां आने वाली शिकायतों के प्रकार के साथ ही माहौल की भी टोह ली।
प्रमुखता पर जनता की परेशानी
सूत्रों की माने तो जनसुनवाई पर नजर रखने का मुख्य उद्देश्य यहां आने वाली शिकायतों के प्रकार जानना है। मसलन व्यक्तिगत विवादों को छोड़कर ऐसे कौन से विषय हैं जिनसे संबंधित शिकायतें अधिक संख्या में आ रही हैं या ऐसी समस्याएं जिनसे कई लोग प्रभावित हो रहें हैं। ऐसे समस्याजन्य विषयों की जानकारी संबंधित अथोरिटी तक पहुंचाई जाएगी ताकि उसका निराकरण हो सके। इसके अलावा नेता-अधिकारी या अन्य रसूखदार व्यक्ति से संबंधित गंभीर शिकायतों को भी संज्ञान में लाया जाएगा। यह चुनावी वर्ष है इसलिए जन समस्याओं से जुड़ी रिपोर्ट और भी महत्वपूर्ण होगी।
रिपोर्ट से पहले जांच
जनसुनवाई के जरिए जनसमस्याओं की जानकारी ली जा रही है। सूत्रों की माने तो एजेंसी अपना काम यहीं खत्म नहीं करेगी। शिकायत की वास्तविकता परखने के लिए एजेंसी अपने स्तर पर ग्राउंड लेवल जांच भी करेगी। इसके बाद रिपोर्ट भेजी जाएगी। जनसुनवाई भी अब पूरी तरह से औपचारिकता बन गई है। कई बार आवेदकों ने आत्मदाह जैसी घटना भी सुनावाई के दौरान अंजाम देने की कोशिश की।