scriptविधायक ने पूछा- जब महाकाल मंदिर के पीछे से प्रवेश की व्यवस्था तो आगे मकान तोड़ कौन सा विकास कर रहे हैं… | Issue of Mahakal region in the meeting of District Planning Committee | Patrika News

विधायक ने पूछा- जब महाकाल मंदिर के पीछे से प्रवेश की व्यवस्था तो आगे मकान तोड़ कौन सा विकास कर रहे हैं…

locationउज्जैनPublished: Jun 11, 2019 11:48:15 am

Submitted by:

Lalit Tiwari

कांग्रेस अध्यक्ष बोले- भारत माता मंदिर अधिगृहीत कर लो तो सारी समस्या ही खत्म हो जाएगी, जिला योजना समिति की बैठक में महाकाल मंदिर क्षेत्र विकास का मुद्दा गरमाया

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उज्जैन. महाकाल मंदिर के सामने चौड़ीकरण के बाले-बाले दौड़े प्रस्ताव पर जिले के नेता-जनप्रतिनिधियों ने कड़ा एतराज जताया है। जिला योजना समिति की बैठक में दक्षिण विधायक मोहन यादव ने प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के सामने मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि जब मंदिर के पीछे से प्रवेश व्यवस्था है और भविश्य में पार्र्किंग भी वहीं होगी तो फिर सामने 300 फीट तक मकान तोड़कर हम कौन सा विकास करना चाह रहे हैं। शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी ने इसे गला काटने वाली योजना बताया। उन्होंने यह सुझाव भी दे दिया कि भारत माता मंदिर, रुद्रसागर और महाराजवाड़ा की जमीन अधिगृहीत कर लें तो मंदिर की सभी समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने महाकाल भक्त निवास वैधता को लेकर भी सवाल उठाया जिस पर यादव ने आपत्ति ली।

 

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मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने बैठक ली

सोमवार को जिले के प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने मेला कार्यालय में जिला योजना समिति की बैठक ली। विधायक यादव ने मंत्री को बताया, मंदिर के आसपास पश्चिम, उत्तर व दक्षिण, तीनों दिशा में खुली जगह है लेकिन अब मंदिर के सामने 300-350 फीट आगे तक मकान-होटल तोडऩे की बात कही जा रही है। यह कौन सी योजना है, पता नहीं लेकिन एेसा हुआ तो भयावह स्थिति बन जाएगी। 700 परिवार प्रभावित होंगे, इससे हड़कंप मचा हुआ है। अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए पहले योजना समझने और फिर आगे की कार्रवाई की बात कही। बैठक में मौजूद शहर कांगे्रस अध्यक्ष महेश सोनी ने कहा, मैं इस क्षेत्र का निवासी हूं। यह योजना लोगों को उजाडऩे, बर्बाद करने के लिए बनाई गई है।

लोगों के गले काटे जाएंगे

स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत लोगों के गले काटे जाएंगे और इसकी योजना बन चुकी है। मंत्री के पूछने पर निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया, खुला क्षेत्र करने के उद्देश्य से पूर्व कलेक्टर द्वारा मंदिर के सामने 150-200 फीट तक जगह खाली करने का प्रस्ताव दिया था। वर्तमान में प्रकरण टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में प्रचलित है और आपत्तियां मंगवाई गई हैं। कई लोगों ने आपत्तियां दी है। मंत्री वर्मा ने कहा, मंदिर का विषय महत्वपूर्ण है। पहले एक जिलाधीश आए और मन की बात कहकर चले गए, फिर दूसरे ने मन की बात कही। महत्वपूर्ण यह है कि वर्तमान परिस्थितियां क्या हैं और क्या होना चाहिए। इसलिए जल्द ही अधिकारी व विधायकों के साथ प्रथक से बैठक कर पूरा प्रोजेक्ट समझेंगे और सामूहिक रूप से इस संबंध में निर्णय लेंगे। बैठक में पहली बार आए नवनिर्वाचित सांसद अनिल फिरोजिया का मंत्री वर्मा ने पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। बैठक में कलेक्टर शशांक मिश्र, एसपी सचिन अतुलकर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, विधायक व समिति सदस्य मौजूद थे।

विधायक ने पत्रिका दिखाकर कहा, महाकाल में अब भी बिक रहे पास

हाल में महाकाल भस्म आरती के पास की कालाबाजारी को लेकर पत्रिका ने समाचार प्रकाशित किया था। बैठक में तराना विधायक महेश परमार ने पत्रिका में प्रकाशित समाचार मंत्री को दिखाते हुए कहा, नई सरकार बनने के बाद पास बेचने का यह पहला मामला उजागर हुआ है। मंदिर से हम सभी की आस्था जुड़ी है। इसको लेकर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। प्रभारी मंत्री ने एसपी अतुलकर से कहा, आप सिविल ड्रेस में पुलिस जवान तैनात करें और इस तरह के कृत्य पर रोक लगाएं। उन्होंने पास की कालाबाजारी करने वाले पर प्रकरण दर्ज कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनी ने कहा, मंदिर में प्रोटोकॉल सिस्टम खत्म कर पहले आओ पहले पाओ पद्धति होना चाहिए।

महापौर का दर्द झलका, बोली मुझे योजना की जानकारी नहीं

मंदिर के सामने चौड़ीकरण के मुद्दे पर जब प्रभारी मंत्री ने महापौर मीना जोनवाल का मत जानना चाहा तो उन्होंने कहा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है और न ही मेरे संज्ञान में यह विषय लाया गया है। मंत्री ने मुद्दे पर पृथक से बैठकर करने और उसमें महापौर को आमंत्रित करने का कहा। उन्होंने यह भी कहा कि महापौर के संज्ञान में एेसी जानकारियां होना चाहिए। विधायक परमार ने भी कहा कि महापौर को तो जानकारी होना ही चाहिए। जोनवाल ने तंज कसते हुए कहा, हो सकता है आचार संहिता लगी हो इसलिए नहीं बताया। कई प्रस्ताव तैयार होकर पास होने चले जाते हैं लेकिन हमें जानकारी नहीं दी जाती। कुछ मामलों में जांच का कहा, वह भी नहीं की गई। संभागायुक्त, कलेक्टर को भी पत्र लिख चुकी हूं।

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