पीआरओ राघव पंडितदास ने बताया कि गुंडीचा मंदिर थर्माकोल, लकड़ी और रंगीन कपड़ों के माध्यम से बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई 16 फीट व चौड़ाई 10 तथा ऊंचाई 14 फीट की है। भगवान श्रीकृष्ण, बड़े भाई बलरामजी और बहन सुभद्रा जी विराजमान होंगी। इस मंदिर में प्रतिदिन संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
वैदिक शास्त्रानुसार भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलरामजी एवं बहन सुभद्रा महारानी के साथ कुरुक्षेत्र से रथरूढ़ होकर अपने परम प्रेमी भक्तों द्वारा रथ खींचे जाने पर नित्यधाम वृंदावन को जाते हैं। भगवान जगन्नाथ समस्त विश्व के नाथ हैं और जीव के प्रति असीम कृपामय हैं। भगवान जगन्नाथ 1 जुलाई को नगर भ्रमण पर निकलेंगे। उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं।
रातभर सजाया जाएगा रथ
रथ को बुधवारिया में खड़ा कर दिया जाएगा, रातभर सज्जा होती रहेगी, प्रात: 11 से 11.30 पर भगवान रथ में विराजेंगे और पुजारियों द्वारा भगवान की पूजा स्तुति के उपरांत लगभग 2 अतिथियों द्वारा पूजा, नारियल बदारकर स्वर्णिम झाड़ू से यात्रा मार्ग को बुहारा जाएगा और रस्सियों से रथ खींचना आरंभ होगा। रथयात्रा महामहोत्सव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
2 से 8 जुलाई तक यह होगा रथयात्रा में
प्रात: 4.30 बजे मंगल आरती, प्रात: 5.30 से 7.25 महामंत्र जप, दर्शन आरती प्रात: 7.25 से 7.50, जगन्नाथ कथा प्रात: 7.50 से 9, 12.15 से 1 राजभोग आरती, दोपहर 1 से 4 बजे तक मंदिर पट बंद, शाम 4 से 6.30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम, शाम 6.30 से 7 तुलादान, शाम 7 से 7.30 बजे संध्या आरती, जगन्नाथ कथा शाम 7 से 7.30 रमाकांत प्रभु द्वारा, रात्रि 9 से 9.15 तक शयन आरती। इस अवसर पर रथ की पुष्प सज्जा, प्रसाद सेवा, केला प्रसाद सेवा, जल सेवा, अन्य फल सेवा, मिश्री मूंगफली प्रसाद सेवा, भक्तों के लिए सांध्यकालीन महाप्रसाद की सेवा में भक्त पुण्य लाभ ले सकते हैं।