चूंकि मध्यप्रदेश प्रदेश में उज्जैन के पंडितों और वहां के पंचाग के अनुसार ही व्रत और त्यौहार मनाए जाते हैं, ऐसे में जहां प्रदेश में 18 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही है, वहीं दूसरे प्रदेशों में 19 अगस्त को भी जन्माष्टमी मनाई जा रही है।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि तिथियों के चलते भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव इस वर्ष दो दिन मनाया जाएगा। धर्मशास्त्र के अनुसार अष्टमी तिथि की पूर्णता वाले दिवस (सप्तमी युक्त अष्टमी) पर व्रत की मान्यता है। इसके अनुसार जन्माष्टमी व्रत की परंपरा सप्तमी युक्त अष्टमी तिथि को इंगित करता है। इस बार अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 9.21 बजे आरंभ हो जाएगी और अगले दिन 19 अगस्त को रात 11 बजे तक रहेगी। इस दृष्टि से गणितीय व शास्त्रीय अनुक्रम दोनों से गुरुवार को जन्माष्टमी मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा। मथुरा, वृंदावन और द्वारका में ज्यादातर मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व 19 अगस्त को मनेगा।