हाइकोर्ट से न्याय मिलने के बाद भी स्थानीय प्रशासन नहीं कर पा रहा समस्या का हल
उज्जैन•Apr 22, 2019 / 11:41 pm•
Mukesh Malavat
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घिनोदा. नागदा-खाचरौद विधानसभा में एक पटवारी अपनी पैतृक जमीन का मामला अपने हक में जीत गए है, लेकिन प्रशासन की कमजोर कड़ी से परेशान पटवारी ने अपने ही विभाग के आदेशों को जमीनी स्तर पर हल की कार्रवाई नहीं होने पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया। सवाल यह है कि जब पटवारी को न्याय नहीं मिल रहा है तो आम किसान या उस गरीब किसान की क्या हालत होती होगी जो सही होने बाद भी वर्षों से न्याय के लिए राजस्व विभाग के चक्कर काट रहे हैं। मामला नागदा राजस्व के ग्राम बैड़ावन के निवासी कैलाश पोपण्डिया का है, जो खाचरौद तहसील में पटवारी पद पर कार्यरत है। दूसरों को न्याय दिलाने वाला आज अपने ही न्याय के लिए अपने विभाग से गुहार लगाकर थक गया, लेकिन आदेशों का पालन नहीं होने से हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट से भी वे अपने हक में जीत गए है, लेकिन फिर भी आरोपियों द्वारा उनकी नाले की जमीन पर भराव किया जा रहा है।
अगर किसी के साथ ऐसा होता है तो उसे अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को सूचना देनी होती है और कानून सभी के लिए समान है। कोई कानून का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि फरियादी को कानून द्वारा न्याय मिलता है, तो वह पूरा अधिकार रखता है।
आरपी वर्मा, एसडीएम, नागदा
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संस्था प्रबंधक पर अभद्र व्यवहार का आरोप
नागदा ञ्च पत्रिका. ग्राम रुपेटा सेवा संस्था प्रबंधक बबलू शर्मा पर किसानों के साथ अभ्रद व्यवहार किए जाने की शिकायत की गई। किसान धारासिंह जाट ने एएसपी, एसडीएम व मंडी पुलिस थाना को एक लिखित शिकायत की है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि धापूबाई जिला सहकारी बैंक खाते में सुधार करवाने के लिए संस्था प्रबंधक शर्मा के पास पहुंची तो शर्मा द्वारा उनके साथ अनुचित व्यवहार करते हुए पूर्व की शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया। साथ ही इस बात की भी धमकी दी गई कि यदि उनकी बात नहीं मानी तो शासन की विभिन्न योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। बता दें कि दो सप्ताह पूर्व गांव रुपेटा के कुछ किसानों ने कलेक्टर के समक्ष शिकयत की थी कि प्रंबधक द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं तोलने के रिश्वत की मांग की गई है। इस शिकायत पर कलेक्टर ने जिला मुख्यालय से एक जांच टीम रुपेटा भेजी थी। इस प्रकरण की जांच चल रही है।