क्या है मामला
मध्यप्रदेश सहित देशभर में एससी/एसटी अत्याचार निरोधक कानून पर सियासत तेज हो गई है। अगड़ी जातियों से जुड़े संगठनों के लगातार विरोध प्रदर्शन से राजनीतिक पार्टियां डरी हुई हैं। सड़कों पर सवर्णों का आक्रोश भड़क रहा है, चुनाव से पहले ऐसे हालात चिंतनीय बन गए हैं। इस बीच नेताओं की बयानबाजी भी आग में घी डालने का काम कर रही है। अब बीजेपी के विधायक यादव ने एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्ण आंदोलन में विदेशी फंडिंग का आरोप लगाया है। बता दें कि मोहन यादव उज्जैन दक्षिण क्षेत्र के विधायक हैं, जहां हाल ही में सवर्ण आंदोलन के तहत एक बड़ी रैली निकाली गई थी और एक्ट के खिलाफ लाखों लोगों ने प्रदर्शन किया था।
सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा यह विरोध
चुनाव से पहले गरमाया यह विरोध जहां सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है, वहीं इसको लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है, हर कोई अपना अलग तर्क दे रहा है और बयानों की बौछार हो रही है, पार्टियां एक दूसरे को साजिश बता रहे हैं। आंदोलन के बाद शुरुआत में नेताओं ने चुप्पी साध रखी थी, लेकिन बढ़ते विरोध के बाद अब जुबान खुली है, लेकिन ऐसे ऐसे बयान आ रहे हैं, जिससे आक्रोश और बढ़ रहा है। उज्जैन से बीजेपी विधायक मोहन यादव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सिमी और इस्लामिक कट्टरपंथी हिंदू समाज को बांटने की साजिश रच रहे हैं। सिलिकॉन वैली से भी फंडिंग हो रही है। हिन्दू समाज को इस बारे में सोचना होगा।
पार्टी ने झाड़ा पल्ला
विधायक के आरोप से सियासत गरमा गई है। हालांकि विधायक मोहन यादव के बयान से पार्टी पल्ला झाड़ते हुए इसे उनका निजी बयान बताने की कोशिश कर रही है। अब सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर यादव ने किस सन्दर्भ में यह बात कही है, क्या उनके पास इसको लेकर कोई सबूत हैं या सिर्फ मनगढं़त आरोप हैं, इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस में बहस शुरू हो गई है।
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