युवक की झोपडी तोड़े जाने पर वह न्यायालय प्रथम श्रेणी न्यायाधीश लोकेन्द्र सिंह तोमर की अदालत में जा पहुंचा तथा नगर परिषद के अधिकारियों की शिकायत की। जिसके बाद न्यायाधीश ने नगर परिषद सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा को न्यायालय में बुलाया। सीएमओ का कहना है कि उक्त युवक द्वारा अन्य मकान की ओर जाने वाले रास्ते की शासकीय जमीन पर अपनी झोपडी बना ली है जिसे हटाने के लिए हम वहां पर गए थे, जबकि युवक का कहना है कि वह वर्षों से अपनी झोपड़ी बनाकर रह रहा है। शासकीय जमीन पर तो अन्य लोगों का भी अतिक्रमण है अगर मेरी झोपडी अतिक्रमण होने से तोड़ दी गई तो अन्य लोगों को भी तोड़ी जाना चाहिए। इसके बाद न्यायाधीश ने जांच कर जमीन की नपती किए जाने की बात कही तथा समस्या का हल करने का निर्देश दिया।
पुलिस को नहीं दी सूचना-अतिक्रमण को लेकर नगर परिषद के अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। अतिक्रमण को हटाने के लिए ना तो पुलिस को कोई सूचना दी गई और ना अतिक्रमणकर्ता को किसी भी तरह का नोटिस देकर सूचना दी गई। ऐसे में सवाल उठाता है कि किस तरह से नगर परिषद के अधिकारी कार्य कर रहे हैं।
&शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर झोपड़ी बनाने के संबध में सूचना प्राप्त हुई थी जिसके बाद मे वहां कर्मचारियों के साथ गया था। मामले में जमीन की नपती करवाई गई है।
– हरिवल्लभ शर्मा, नगर परिषद सीएमओ सुसनेर