उज्जैन. सार्वजनिक उपभोक्ता भंडार पर धंाधली रोकने के लिए सरकार ने भले ही पीओएस मशीन लगाई है बावजूद इसके संचालक धोखाधड़ी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें राशन दुकान के संचालक ने १५६० लीटर केरोसीन, ८ क्विंटल चावल, २.९८ क्विंटल नमक उपभोक्ताओं के देने की बजाय बाजार में बेच दिया। हालत यह है कि राशन संचालक गांववालों को साल भर से राशन नहीं बांट रहा था। गनीमत रही कि गांववालों ने संचालक के खिलाफ मोर्चा खोला और कलेक्टर को शिकायत की तो खाद्य विभाग के अधिकारियों की जांच में भंडाफोड़ हुआ। मामले में अब संचालक के खिलाफ घट्टिया थाने में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रावधानों को उल्लंघन तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। सार्वजनिक उपभोक्ता भंडार में यह फर्जीवाड़ा घट्टिया तहसील के ग्राम सारोला में हुआ है। यहां बद्रीलाल राठौर के पास उपभोक्ता भंडार है। यहां दो गांव सिंगावदा व सारोला के १७४ उपभोक्ताओं को राशन दिया जाता है। पिछले दिनों सिंगावदा के लोगों ने कलेक्टर शशंाक मिश्र से राशन दुकान से खाद्य सामग्री नहीं मिलने की शिकायत की थी। इस पर कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए थे। क्षेत्र की कनिष्ठ खाद्य अधिकारी माया दिनकर ने राशन दुकान पर जाकर आवंटित खाद्य सामग्री और उपभोक्तओं को दी गई सामग्री की जांच की। यहां मार्च महीने में कंट्रोल दुकान को ४२९ लीटर केरोसीन, ९.४० क्विंटल चावल, १.७१ क्विंटल नमक, ६.४७ क्विंटल चना तथा ४०.७२ क्विंटल गेहूं आवंटित किया गया था। जांच में इस आवंटन के अलावा मार्च महीने में ही १५६० लीटर केरोसीन, ८ क्विंटल चालव, २.८९ क्विंटल नमक ज्यादा स्टाक पाया गया। दरअसल दुकान संचालक ने पिछले महीनों में आवंटित किए गए खाद्य सामग्री को उपभोक्ताओं को नहीं बांटते हुए एकत्रित किया और उसे बाद में अन्यत्र कहीं बेच दिया। यही नहीं संचालक द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा सिर्फ मार्च महीने का है यदि पिछले महीनों के रिकॉर्ड की जांच होती है लाखों रुपए की धांधली सामने आएगी। धांधली सामने आने के बाद खाद्य विभाग ने संचालक बद्रीलाल राठौर के खिलाफ घट्टिया थाने में एफआइआर दर्ज करवा दी। अधिकारियों की माने तो जिले में किसी उपभोक्ता भंडार संचालक पर पहली पुलिस कार्रवाई है। उपभोक्ताओं को जून २०१८ से नहंीं दिया राशन उपभोक्ता भंडार संचालक बद्रीलाल राठौर पिछले एक साल से उपभोक्ताआ को राशन नहीं दे रहा था। खाद्य अधिकारी मौके पर जाकर जांच की तो ग्राम सिंगावदा में ही २२ उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिलना सामने आया। इसमें ११ उपभोक्ता को नवंबर २०१८, चार को जून २०१८, तीन उपभोक्ता को मार्च २०१८ से ही राशन नहीं दिया गया। वहीं शेष ४ उपभोक्ता को एक बार भी राशन नहीं दिया गया। राशन नहीं देने का यह आंकड़ा मौके पर आए उपभोक्ता का है। यदि १७४ उपभोक्ताओं के राशन कार्ड की जांच होती है तो यह संख्या और भी बढ़ सकती है। ऐसी किया फर्जीवाड़ा शासन ने राशन दुकानों को ऑनलाइन करते हुए पीओएस मशीन दी हुई है। इसमें उपभोक्ताओं के थंब लेकर या थंब नहीं मिलने पर समग्र आइडी क आधार पर राशन दिया जा सकता है। कनिष्ठ खाद्य अधिकारी माया दिनकर के मुताबिक संचालक ने समग्र आइडी के माध्यम से राशन आवंटन की पर्ची निकाल लेता था। वहीं यह दुकान यूआइडी मोड में ऑनलाइन भी नहीं करवाई गई थी। इसी का फायदा उठाते हुए संचालक ने राशन सामग्री आवंटन मे हेरफेर किया। इनका कहना ग्राम सारोला के उपभोक्ता भंडार की जांच में १६५० लीटर केरोसीन, ८ क्विंटल चावल व २.८९ क्विंटल नमक तय आवंटन से ज्यादा होना पाया गया है। जांच में २२ उपभोक्ताओं को राशन नहीं देना भी सामने आया है। संचालक के खिलाफ घट्टिया थाने में एफआइआर करवाई है। – माया दिनकर, कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी