scriptजानिए…आखिर उज्जैन में यह तीर्थ का क्यों नहीं हो रहा विकास | Know...after all, why this pilgrimage is not being developed in Ujjain | Patrika News

जानिए…आखिर उज्जैन में यह तीर्थ का क्यों नहीं हो रहा विकास

locationउज्जैनPublished: May 31, 2023 11:52:27 am

पांच साल से बंद पड़ा गयाकोठा का विकास कार्य, ३.९४ करोड़ रुपए खर्च करने के बाद शासन ने नहीं जारी नहीं की राशि

पांच साल से बंद पड़ा गयाकोठा का विकास कार्य

धर्मस्व विभाग की ओर से ६.६९ करोड़ रुपए की राशि जारी नहीं होने से बंद पड़ा कार्य

उज्जैन। शहर में एक ओर धर्मस्थलों के तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं वहीं प्राचीन गयाकोठा तीर्थ के विकास कार्य पिछले पांच सालों से रूका पड़ा है। धर्मस्व विभाग की ओर से ६.६९ करोड़ रुपए की राशि जारी नहीं होने से यह स्थिति बनी हुई है। हालत यह है कि करीब ३.९४ करोड़ रुपए खर्च कर किए गए निर्माण भी अब अब पुराना होकर खराब होने लगा है। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए विधायक पारस जैन व हाउसिंग बोर्ड की ओर से धर्मस्व विभाग को पत्र लिखे जा चुके है लेकिन अब तक राशि जमा नहीं हो पाई है। ऐसे में प्राचीन तीर्थ की दूदर्शा हो रही है तो श्रद्धालुओं को सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।
२०१८ में स्वीकृत हुए थे १०.६३ करोड़
गयाकोठा तीर्थ विकास के लिए वर्ष २०१८ में १०.६३ करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी। हाउसिंग बोर्ड ने बतौर निर्माण एजेंसी यहां काम शुरू किया था। करीब दो साल तक चले कार्य में ३.९४ करोड़ रुपए खर्च कर विभिन्न निर्माण कार्य किए थे। इसके बाद से धर्मस्व विभाग की ओर से दूसरी किस्त के रूप में ६.६९ करोड़ रुपए की राशि जारी नहीं की। इसके चलते गयाकोठा तीर्थ के विकास के अन्य काम रूक गए। हालत यह है कि जो बाउंड्री वाल और इमारत हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाई गई है उसके आसपास झाडिय़ाां उग गई तो पत्थर काले पडऩे लगे है। वहीं अब तक स्थिति साफ नहीं है कि शेष राशि का आवंटन कब होगा।
देशभर से आते पिंडदान करने
खाक चौक चौराहे के पास स्थित गयाकोठा पित्र तर्पण के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। इसका उल्लेख शास्त्रों में भी है। श्राद्ध श्पक्ष के समय यहां पूरे देश के लोग तर्पण पिंडदान करने आते हैं।
अभी यह काम बाकी
– सप्तऋषि मंदिर का विस्तारीकरण कर परिसर को स्टोन से निर्मित करना है।
– 84 महादेव मंदिर में एक मंदिर को भी शिफ्ट किया जाना है।
– पूरे परिसर में फ्लोरिंग कार्य किया जाना है।
– मुख्य द्वार और तर्पण कुंड का काम बाकी है। – परिसर में बाउंड्रीवाल सहित अन्य छोटे-मोटे कार्य भी किए जाने शेष है।
इनका कहना
गयाकोठा तीर्थ के लिए १०.६९ करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। यहां ३.९४ करोड़ से निर्माण कराए जा चुके है शेष कार्य के लिए ६.६९ करोड़ की आवश्यकता है। धर्मस्व विभाग से यह राशि मिलने के उपरांत ही निर्माण किया जा सकेगा।
– निर्मल गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, हाउसिंग बोर्ड

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