इसमें पिछले वर्षों में हुए नासिक व उज्जैन कुंभ में साधु संतों की व्यवस्थाओं में रही कमियों के साथ अगले वर्ष इलाहाबाद में आयोजित अर्धकुंभ की व्यवस्थाओं पर मंथन किया जाएगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्रगिरि महाराज की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक में प्रमुख रूप से नासिक व उज्जैन सिंहस्थ में मूलभूत सुविधाओं से लेकर साधु संतों के पड़ाव, पेशवाई और आवास संबंधी व्यवस्थाओं पर चर्चा होगी।
नरेंद्रगिरि महाराज ने बताया, शुक्रवार दोपहर 12 बजे से सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि अपनी बात रखेंगे। यह बैठक तीन चरणों में होगी। इसमें आने वाले सुझाव का एक प्रतिवेदन तैयार कर उत्तर प्रदेश सरकार को दिया जाएगा। साथ ही सिंहस्थ 2016 की व्यवस्थाओं में जो भी खामी रही, उससे भी उत्तर प्रदेश सरकार को अखाड़ा परिषद अवगत कराएगी।
अतिक्रमण को लेकर चर्चा करेंगे
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि गुरुवार को उज्जैन पहुंचेंगे। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के व्यवस्थापक पं. राजेश व्यास ने बताया कि महंत गुरुवार शाम ५ बजे सड़क मार्ग से उज्जैन पहुंचेंगे। रात्रि विश्राम के बाद वे २ फरवरी को नीलगंगा स्थित सिंहस्थ महाकुंभ के अखाड़ों के जमात पड़ाव स्थल पर हो रहे अतिक्रमण के संबंध में अखाड़ा परिषद महासिचव महंत हरिगिरि महाराज व अन्य अखाड़ों के पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे। ३ फरवरी को श्री गुरुदत्त अखाड़ा के पीर महंत परमानंद पुरी महाराज के पोषशी भंडारा प्रसादी कार्यक्रम में महंत शामिल होने के पश्चात इलाहाबाद के लिए प्रस्थान करेंगे।
उज्जैन में बनेगा प्लेसमेंट सेंटर
उज्जैन पत्रिका. जिला रोजगार कार्यालयों का आधुनिकीकरण और उन्नयन कर इन्हें प्लेसमेंट सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में प्रदेश के १५ जिलों के रोजगार कार्यालयों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिसमें उज्जैन भी शामिल है। आधुनिकीकरण पीपीपी मोड में होगा। तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री दीपक जोशी ने कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
होली का डांडा लगा, अब छाएगा फाल्गुन का रंग
उज्जैन. माघी पूर्णिमा के साथ ही माघ माह का समापन हो गया। बुधवार को अनेक श्रद्धालुओं ने शिप्रा में स्नान कर दान-पुण्य किया। इधर शहर के अनेक क्षेत्रों में परंपरानुसार पूजन कर होली का डांडा लगाया गया।
माघी पूर्णिमा पर पुण्य काल में बुधवार को डुबकी लगाने के लिए लोग शिप्रा किनारे पहुंचे थे। ग्रहण सूतक के कारण स्नान का मुहूर्त सुबह 8.35 बजे तक ही था। माघी के स्नान के साथ ही माघ माह भी समाप्त हो गया। ऐसे में स्नान, ध्यान के साथ दान का सिलसिला भी चला। अनेक श्रद्धालुओं ने ग्रहण काल खत्म होने पर शिप्रा में स्नान किया। इसके अलावा शहर के अनेक क्षेत्रों में माघी पूर्णिमा पर होली का डांडा भी लगाया गया। गुरुवार से फाल्गुन प्रारंभ हो रहा है। शहर के वैष्णव और अन्य मंदिरों में भगवान के साथ गुलाल-अबीर और फूलों से फाग उत्सव का दौर भी प्रारंभ हो जाएगा।