आठों विधानसभा क्षेत्र में आचार संहिता
लोकसभा चुनाव को लेकर रविवार शाम से लागू आचार संहिता को लेकर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी शशांक मिश्र व एसपी सचिन अतुलकर ने मीडिया से चर्चा की। उन्होंने बताया कि लोकसभा की आठों विधानसभा क्षेत्र में आचार संहिता का सख्ती से पालन करवाया जाएगा। सभी विधानसभाओं में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 लागू कर दी गई है। इसमें अब किसी तरह के जुलूस, धरने, प्रदर्शन या रैली निकालने के लिए सात दिन पहले अनुमति लेना होगी। वहीं कोलाहल नियंत्रण के तहत 10 डेसीबल से अधिक के ध्वनि विस्तारक यंत्रों को उपयोग नहीं हो सकेगा। वहीं जिल लोगों के पास शस्त्र है उन्हें तुरंत जमा करना होगा।
स्क्रीनिंग कमेटी से अनुमति लेना होगी
शस्त्रों को जमा नहीं कराने वाले को स्क्रीनिंग कमेटी से अनुमति लेना होगी। कलेक्टर मिश्र के मुताबिक लोकसभा क्षेत्र में जो स्वीकृत हो चुके हैं या जिनका काम शुरू हो गया है वे ही काम शुरू होंगे बाकी नए निर्माण शुरू नहीं होंगे। संपत्ति विरुपण के लिए 25 टीम बनाई गई है। जो शहर, गलियों से राजनीतिक दलों के पोस्टर-बैनर हटाएगी।
1814 मतदान केंद्रो में 436 क्रिटिकल केंद्र
लोकसभा चुनाव में आठों विधानसभा में 1814 मतदान केंद्र बनाए गए हैङ्क्ष। इनमें 436 क्रिटिकल तथा आठ वल्नरेबल लोकेशन है। क्रिटिकल में नागदा-खाचरौद में 57, महिदपुर में 61, तराना में 47, घट्टिया में 43, उज्जैन उत्तर में 66, उज्जैन दक्षिण में 72, बडऩगर में 18 तथा आलोट में 72 केंद्र है।
आचार संहिता में जानिए जरूरी
शादी विवाह समारोह के बरात के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी। डीजे के लिए अनुमति लेना होगी।
सार्वजनिक स्थल पर किसी तरह का कार्यक्रम नहीं हो सकेगा। इसके लिए पूर्व में अनुमति लेना होगी।
शस्त्र लाइसेंस जमा करने होंगे। सिक्युरिटी या अन्य कारणों से शस्त्र रखने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी से अनुमति लेना होगी।
संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत किसी तरह के राजनीतिक प्रचार, विज्ञापन या होर्डिग-पोस्टर के लिए पूर्व अनुमति लेना होगी।
आयुष्मान योजना, जनसुनवाई सहित अन्य शासकीय आयोजन अब नहीं होंगे।
राजनीतिक दलों को किसी तरह की चुनाव प्रचार, रैली या अन्य गतिविधियों की पूर्व सूचना के साथ अनुमति लेना होगी।
चुनाव ड्यूटी में नहीं लगे अधिकारी-कर्मचारी होंगे रिलीव
जिले में अधिकारी-कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश भी आचार संहिता के चलते प्रभावित होंगे। कलेक्टर मिश्र के मुताबिक जिन अधिकारी-कर्मचारी के स्थानांतरण आदेश आए हैं लेकिन उनकी चुनाव में ड्यूटी लगी है तो उन्हें रिलीव नहीं किया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारी-अधिकारी को रिलीव किया जाएगा।
रतलाम प्रशासन देखेगा आलोट विधानसभा की व्यवस्था
उज्जैन लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा के अलावा आठवीं विधानसभा आलोट भी शामिल है। आलोट विधानसभा रतलाम जिले में आती है। चुनाव के चलते आलोट विधानसभा में सुरक्षा, कानून-व्यवस्था व अन्य कार्यों की जिम्मेदारी रतलाम जिला प्रशासन के पास रहेगी। वहीं से इसकी देखरेख की जाएगी।
पहले ही किए थोकबंद भूमिपूजन, आचार संहिता का संदेश मिलते ही कार्यक्रमों से दूर हुए नेता
पत्रिका न्यू•ा नेटवर्क
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उज्जैन. लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लगने से पहले रविवार को नेताओं ने कई जगह भूमिपूजन व अन्य कार्यक्रमों में भाग लिया, लेकिन जैसे ही शाम ५ बजे इसकी घोषणा होने का संदेश मिला तो नेता जहां थे वहीं से कार्यक्रम छोड़ चल दिए। आखिरी दौर में जनप्रतिनिधियों ने सारे पेंडिंग कार्यों को पूरा कर दिया, अब जो रह गए वो आचार संहिता के बाद ही हो पाएंगे। पत्रिका ने शहर के जनप्रतिनिधियों की आचार संहिता लगने दौरान की स्थिति जानी तो मालूम हुआ कि सभी नेताओं ने आयोग के निर्देशों का सम्मान किया और इसका उल्लंघन ना हो इसके लिए आयोजनों से दूर हो लिए।
लोकसभा निर्वाचन के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने शाम बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए देश में आचार संहिता की घोषणा की। इसके लागू होते ही सोशल मीडिया में संदेश वायरल हुए। लिहाजा जो नेता जहां थे वहीं से कार्यक्रमों से दूरी बना ली ताकि किसी तरह की कोई आलोचना या उल्लंघन ना हो। आचार संहिता लगने के बाद कहीं कोई सरकारी कार्यक्रम या नए कार्यों की शुरुआत नहीं हो सकेगी।
सभा की तैयारियों में व्यस्त रहे सांसद, पहले से तय कार्यक्रम: सांसद चिंतामणि मालवीय ने रविवार को कहीं कोई भूमिपूजन या सरकारी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। वे नागदा में पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह की सभा की तैयारियों में व्यस्त रहे। चूंकि इस आयोजन की पूर्व से ही अनुमति ली जा चुकी थीं। लिहाजा ये कार्यक्रम हुआ। चर्चा में मालवीय ने कहा कि मैं सुबह से क्षेत्र के लोगों से मिलने में व्यस्त रहा, दोपहर बाद से सभा की तैयारियों में लग गया। रविवार को कोई भूमिपूजन या अन्य कोई सार्वजनिक आयोजन नहीं रखा था।
उत्तर विधायक पारस जैन: विधायक पारस जैन का रविवार को कोई अधिकारिक कार्यक्रम नहीं था। दोपहर तक वे शहर में धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए। ३ बजे के करीब वे घर आ गए और शाम पांच बजे टीवी पर चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी।