उज्जैन. उज्जैन शहर की पहचान एक धार्मिक नगरी के रूप में है और यहां पर मोक्षदायिनी मां शिप्रा प्रवाहित होती है, लेकिन यहां के निवासी इस पवित्र नदी को मैला करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। वे इसमें निर्माल्य सहित अन्य चीजें डालते हैं जिससे यह मैली ही रहती है। साथ ही लोग इसमें स्नान करने के लिए साबुन, शैम्पू सहित अन्य वर्जित चीजों का खुलेआम उपयोग करते हैं। हमारे ऋषिनगर निवासी एक जागरूक पाठक मनीष खानवलकर ने हमें शिप्रा की गंदगी के कुछ फोटो शेयर किए और दुर्दशा बताई। उनके अनुसार शायद मां शिप्रा भी बाबा महाकाल से यही कह रहीं है कि हे प्रभु कम होगा मेरा उद्धार।
उज्जैन. उज्जैन शहर की पहचान एक धार्मिक नगरी के रूप में है और यहां पर मोक्षदायिनी मां शिप्रा प्रवाहित होती है, लेकिन यहां के निवासी इस पवित्र नदी को मैला करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। वे इसमें निर्माल्य सहित अन्य चीजें डालते हैं जिससे यह मैली ही रहती है। साथ ही लोग इसमें स्नान करने के लिए साबुन, शैम्पू सहित अन्य वर्जित चीजों का खुलेआम उपयोग करते हैं। हमारे ऋषिनगर निवासी एक जागरूक पाठक मनीष खानवलकर ने हमें शिप्रा की गंदगी के कुछ फोटो शेयर किए और दुर्दशा बताई। उनके अनुसार शायद मां शिप्रा भी बाबा महाकाल से यही कह रहीं है कि हे प्रभु कम होगा मेरा उद्धार।