संगठन का डंडा, दावेदार भी रहे साथ
टिकट घोषित करने के साथ ही भाजपा ने दावेदार व वरिष्ठ नेताओं पर अनुशासन का डंडा चलाना शुरू कर दिया है। नेताओं से कहा गया कि अब टिकट हो चुके हैं। प्रत्याशियों के जनसंपर्क से लेकर पार्टी के आयोजनों मंे उन्हें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है। असंतुष्टि अपनी जगह है लेकिन यदि जो लोग गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे उन पर नजर रखी जाएगी।
चुनावी नामांकन भरने की आखिरी तारीख को जिलेभर में गहमागहमी का माहौल रहा। अधिकृत प्रत्याशियों ने रैली निकालकर नामांकन भरे तो असंतुष्ट भी समर्थकों के साथ पहुंचे। टिकट वितरण से असंतुष्ट भाजपा-कांग्रेस नेताओं ने बागी होने का बिगुल फूंका, लेकिन चुनावी पिच पर कौन डटेगा और कौन हटेगा यह १४ नवंबर को तय होगा। अब पार्टियों में असंतुष्टों की मान-मनुहार का दौर शुरू हो गया है ताकी अधिकृत प्रत्याशियों की जीत की राह में कोई रोड़ा ना रहे। उज्जैन उत्तर-दक्षिण के नामांकन कोठी, घट्टिया के जिला पंचायत कार्यालय व संबंधित सीटों के तहसील स्तर पर नामांकन जमा हुए। चुनावी समर में नामांकन दाखिली का आखिरी दिन जोश, ऊहापोह, नाराजी से भरा रहा। जहां अधिकृत प्रत्याशियों ने शक्ति प्रदर्शन किया वहीं आम आदमी पार्टी, सपाक्स व निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी दमखम दिखाया। कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच एआरओ कक्ष तक प्रत्याशियों के साथ केवल 5 लोगों को ही प्रवेश मिला। बाकी समर्थकों को 100 मीटर दूर ही रोक दिया गया। निर्वाचन कर्मियों ने बारीकी से फॉर्म चेक कर जमा किए। कुछ कमियां होने पर मौके पर ही सुधार कराया गया। प्रत्याशियों के बाहर आने तक समर्थक झंडे-बैनर लेकर बाहर ही डटे रहे।