हरसिद्धी मंदिर से बड़ा गणेश महाकाल मंदिर तक मार्ग का चौड़ीकरण किया जाना है। इसके चलते अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार सुबह एसडीएम डॉ. कल्याणी पांडे टीम के साथ महाकाल मंदिर गेट नंबर ५ के सामने स्थित एक भवन को हटाने पहुंची। परिजनों ने कार्रवाई का विरोध किया। इसके चलते परिवजन और पुलिस के बीच कहासुनी भी हुई। प्रभावितों ने पहले कार्रवाई को गलत बताया और फिर मकान खाली करने की मोहलत मांगी। उन्हें दो घंटे का समय दिया गया। नगर निगम टीम ने मकान खाली करवाया। इसके बाद जेसीबी से भवन का करीब ४०० वर्ग फीट हिस्सा तोड़ दिया गया। कार्रवाई में आरआई आलोक चौरे, निगम उपयंत्री राजेशसिंह चौहान, जोनल अधिकारी डोंगरसिंह परिहार, भवन अधिकारी हर्ष जैन मौजूद थे।
निगामयुक्त ने निरीक्षण किया
दोपहर में शुरू हुई कार्रवाई पर निगमायुक्त रौशनकुमार सिंह ने भी नजर रखी। वे महाकाल मंदिर क्षेत्र पहुंचे और कुछ समय कार्रवाई का अवलोकन किया। इसके बाद वे मंदिर में चले गए।
दुकानें बद, आवाजाही रोकी
कार्रवाई के चलते प्रीपेड बूथ पं. आनंदशंकर व्यास के मकान तक महाकाल मार्ग को बेरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया था। आम लोगों का इस क्षेत्र में आना-जाना प्रतिबंधित रहा। सड़क के उक्त हिस्से की दुकानें भी बंद करवा दी गई थीं ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना का खतरा न रहे।
पं. व्यास सहित नौ मकान निशाने पर
महाकाला मंदिर गेट नंबर 4 व 5 के सामने कुल नौ भवन हैं जिनमें मकान व दुकानें शामिल हैं। इनमें प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य का वर्षों पुराना भवन भी है। पं. व्यास के मकान सहित उक्त नौ भवन जिस भूमि पर बने हैं, यह धर्मस्व विभाग की बताई जा रही है। मंदिर क्षेत्र विस्तारीकरण के लिए प्रशासन द्वारा उक्त जमीन को खाली करवा जा रहा है।
धर्मस्व विभाग की जमीन पर अतिक्रमण माना
जिन भवनों पर कार्रवाई की जा रही है, उन्हें अतिक्रमण माना गया है। दरअसल मंदिर क्षेत्र विस्तारीकरण के लिए वर्ष २०१८ में प्रशासन ने उक्त भूमि धर्मस्व विभाग को हस्तांतरित की थी। महाकाल मंदिर प्रशासन ने सर्वे कर धर्मस्व विभाग की जमीन पर उक्त भवनों का अतिक्रमण पाया और इन्हें हटाने के लिए प्रशासन को पत्र दिया। मामले में तहसीदार कोर्ट ने नोटिस जारी कर सुनवाई की थी। १६ नवंबर को तहसीदार न्यायालय ने अतिक्रमण मान तीन दिन में बेदखली के आदेश जारी किए थे। कुछ लोग न्यायालय पहंचे। इन्हें स्टे मिलने से फिलहान इनके भवन को हटाने की कार्रवाई नहीं की गई। एक मकान पर स्टे नहीं था जिसे गुरुवार को तोड़ा गया। इधर ज्योतिषाचार्य पं. आनंद शंकर व्यास के मकान पर हाइकोर्ट से पहले से ही स्टे हैं जिसके चलते तहसीलद न्यायालय द्वारा उन्हें बेदखली का आदेश नहीं दिया गया है।
इनका कहना
बड़ा गणेश मंदिर से लगे नौ स्ट्रक्चर है जिन्हें अतिक्रमण मान हटाने की कार्रवाई जाना है। इनमें मकान व दुकान शामिल हैं। ८ भवनों पर स्टे होने के कारण कार्रवाई नहीं की गई है। एक भवन जिस पर स्टे नहीं है, उसे हटाया गया है।
– डॉ. कल्याणी पांडे, एसडीएम
भूमि धर्वस्व विभाग को हस्तांतरित की गई थी। महाकाल मंदिर प्रशासन ने सर्वे कर भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए पत्र प्रस्तुत किया था। सुनवाई कर ८ भवनों के संबंध में बेदखली के आदेश जारी किए हैं।
– आरएस पाटीदार, तहसीदार