अधिकांश श्रद्धालु ट्रेन द्वारा ही शहर पहुंचते हैं
अधिकांश श्रद्धालु ट्रेन द्वारा ही शहर पहुंचते हैं। स्टेशन से बाहर निकलते ही उनका सामना यहां खड़े रहने वाले ऑटो-मैजिक चालकों से होता है। वे उनसे पूछते हैं कि क्या महाकाल जाना है। चलिए हम आपको ऐसी होटल में ले चलेंगे, जहां से मंदिर जाने के लिए आसानी से सुविधा हो जाएगी और भस्म आरती की बुकिंग भी करा देंगे। बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को ये लोग दिग्भ्रमित करके अपना काम करते हैं। बाकी रही सही कसर विभिन्न होटलों से जुड़े पुजारी-पुरोहित और उनके अन्य साथीगण पूरी कर देते हैं। बता दें कि तात्कालिक कलेक्टर मनीष सिंह ने इन पर लगाम कसी थी, लेकिन भस्म आरती बुकिंग के नाम से रुपए लेने का यह गौरखधंधा उनके जाते ही फिर शुरू हो गया। यही नहीं अब तो इंदौर की होटलों तक इनके तार जुड़ गए हैं।
हर आवेदन पर रहती है नजर
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी और भस्म आरती प्रभारी मूलचंद जूनवाल ने बताया कि हर आवेदन पर कड़ी नजर रहती है। क्रास चैक किया जाता है। यहां तक कि मोबाइल नंबर से भी पूछताछ होती है, लेकिन सेटिंगबाज फिर भी नहीं मानते हैं, और अपना काम कर जाते हैं। ऐसे में मंदिर की छवि धूमिल होती है।
दर्शन व्यवस्था पूर्णत: नि:शुल्क
प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि भस्म आरती सहित अन्य सभी आरतीयों के लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इस संदर्भ में मंदिर परिसर में फ्लैक्स और वेबसाइट पर भी इसका उल्लेख भी किया गया है, फिर भी श्रद्धालु इनके झांसे में आ जाते हैं। मंदिर में सिर्फ अभिषेक-पूजन का ही शुल्क लिया जाता है, उसकी भी विधिवत रसीद दी जाती है। पुजारी-पुरोहितों के नाम व मोबाइल नंबरों की सूची भी ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड है।
हॉलैंड के श्रद्धालुओं से धोखाधड़ी मामले में सौंपा ज्ञापन
इधर, भस्म आरती दर्शन के नाम पर हॉलंैड के श्रद्धालुओं से रुपए लेने के मामले में रामघाट तीर्थ पुरोहित सभा के धर्माधिकारी पं. गौरव उपाध्याय ने बताया शनिवार को एसपी ऑफिस पहुंचकर ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन का वाचन करते हुए मंडल अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित पं. सुरेन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि मंदिर में भस्म आरती फार्म जमा करने, श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के कथित घटनाक्रमों के दौरान हिमांशु व्यास कहीं उपस्थित नहीं थे और न ही उन्होंने श्रद्धालुओं से कोई संपर्क किया। उनका नाम एफआईआर से हटाया जाए। इस अवसर पर शैलेंद्र द्विवेदी, महेंद्र उपाध्याय, अर्पित दुबे, शशांक त्रिवेदी, शैलेंद्र ठक्कर, सत्यम जोशी, वीरेन्द्र सुगंधी, सुनील गर्ग आदि मौजूद रहे।