ढाबा रोड सत्यनारायण मंदिर तीराहे पर बाबा की पालकी शाम 6 बजे पहुंची, लेकिन यहां दोपहर 3 बजे ही बेरिकेड्स लगा दिए गए थे। इससे लोगों को सवारी के दर्शन के लिए घंटो इंतजार करना पड़ा। गैबी हनुमान मंदिर की गली, केडी केड कमरी मार्ग चौराहा भी ढाई घंटे पहले ही बंद कर दिया गया था। इससे लोगों को तिराहे तक पहुंचने के लिए काफी पैदल भटकना पड़ा। बेरिकेड्स तीराहे से करीब 20 फीट दूर लगाए गए, जिसकी वजह से पीछे खड़े कई श्रद्धालओं को सवारी में शामिल भजन मंडली, झांकी यहां तक की पालकी भी ठीक से नजर नहीं आई। तीन घंटे इंतजार के बाद जब पालकी आई मात्र 3 सैंकड के लिए ही दर्शन हो सके।
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पहली बार तीन रंगों में रंगे नजर आए महाकाल
इस दौरान भगवान महाकाल की सवारी तिरंगे के रंग में रंगी हुई नजर आई। एक तरफ जहां सवारी मार्ग में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल घोड़े पर सवार होकर तिरंगा लेकर निकले, वहीं दूसरी तरफ भगवान महाकाल की सवारी में ‘राजाधिराज महाकाल की जय’ के साथ-साथ ‘भारत माता की जय’ के नारे भी गुंजायमान होने सुनाई दिए। ये पहला मौका है जब भगवान महाकाल की सवारी तीन रंग में रंगी नजर आई।