महाकाल की सवारी का क्रम प्राचीन काल से चला आ रहा है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए मंदिर नहीं पहुंच पाते हैं, उन्हें राजाधिराज भगवान महाकाल स्वयं दर्शन देने के लिए पालकी में सवार होकर निकलते हैं। शाही ठाठ बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी सावन, भादो और कार्तिक-अहगन माह में निकलती है. इस बार कार्तिक और अगहन की 4 सवारियां है। पहली सवारी शाम को निकली है।
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दर्शन करने पहुंचे मंत्री तुलसी सिलावट
इससे पहले मध्य प्रदेश के जल संसाधन एवं मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग मंत्री तुलसीराम सिलावट ने उज्जैन प्रवास के दौरान महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर बाबा महाकाल के दर्शन किये। यही नहीं यहां मंत्री सिलावट ने पूजन भी कराया, जिसे पुजारी संजय शर्मा ने संपन्न कराया। इस अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी भी मौजूद थे। सहायक प्रशासक द्विवेदी का कहना है कि, मंत्री सिलावट मंदिर की दर्शन व्यवस्थाओं की सराहना की है।